दुर्ग, 28 दिसंबर 2020। हम सब मन ये तो सुनेच हवन के इंसान के काम बोलथे, या अंगरेजी म कहिबो त ‘‘वर्क हार्ड ए साइलेंस लेट योर सक्सेस बी योर नॉइज‘‘ मने शांति ले कड़क मेहनत करव, एक दिन आप के कामयाबी आप के अवाज बनही। ये बात अरसनारा के पूर्णिमा पेंडरिया उपर घलोक लागू होथे। जे ह अपन काम अऊ अपन मेहनत ले अपन गांव म अपन एक पहचान बनाए हे। पूर्णिमा के बताती वोखर मन म बहुत दिन ले विचार रहिस के अपन खुद के काम शुरु करतेंव। वो ह छोटे-छोटे बचत शुरू करिस। पूर्णिमा के सउंख रहिस के पोल्ट्री के व्यवसाय शुरू करवं फेर अकेला ये मुश्किल रहिस ते खातिर वो ह अपन गांव के महिला मन ल मनाए अऊ समझाए के सोचिस। कुछ महिला मन ल जोड़के समूह घलोक बनाइस जेकर नाम रखिस भगवती स्व-सहायता समूह। जब गांव के महिला मन ल वो ह बताइस के पोल्ट्री के व्यवसाय म अच्छा फायदा हे, त शुरुआत म कोनो मानत नइ रहिन। फेर पूर्णिमा अपन मन बना डरे रहिस। वोला खुद के काम शुरु करना हे ते खातिर शुरु म अपन छोटे-छोटे बचत ले बचाए पइसा ले वो ह कड़कनाथ वेराइटी अऊ वनराज वेरायटी के चिंया बिसाईस। एक दिन वोला सीआरपी मने कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन सरिता साहू ले बिहान योजना के बारे म पता चलिस, के एखर माध्यम ले आजीविका स्थापित करे बर उमन ल लोन मिल सकत हे। जब वो ह अपन ये विचार के बारे म बताइस त जनपद पंचायत कोति ले वोला मदद मिलीस। समूह ल 1 लाख रुपिया के लोन घलोक मिलीस। सरलग समझा बुझा के वो ह कुछ महिला मन ल राजी घलोक कर लीस। एखर बाद 30 हजार के लागत ले मुर्गी शेड अऊ 20 हजार के लागत ले मछली पालन बर टंकी बनवाईस। अगस्त 2020 म 12 हजार रूपिया के मोंगरी मछली के बीज अऊ 5000 रूपिया के दाना खर्च करिस, जेखर से 2 महीना बाद 5 हजार रुपए के आमदनी होइस अऊ कुल आमदनी अबतक 15000 रुपए हो गए हे। अइसनहे मुर्गीपालन म मुर्गी चूजा अऊ दाना पानी बर कुल 10000 रूपिया खर्च करिस अऊ 3 महीना म 16000 रूपिया के आमदनी होइस।
बैंक लिंकेज ले मिलिस 1 लाख अऊ बिहान ले 60 हजार रिवॉल्विंग फंड, 15 हजार के अनुदान घलोक दुसर महिला मन घलोक होवत हे प्रेरित- पूर्णिमा बताथे के शुरु म थोकन दिक्कत होइस फेर धीरे-धीरे मेहनत अऊ लगन ले सक्रिय महिला के रूप म वो ह अपन पहिचान बना लीस। पूर्णिमा बताथे के जऊन महिला मन पहिली वोकर घर नइ आत रहिन, वो मन घलोक अब वोकर घर आए लगीन अऊ बातचीत घलोक करे लगीन। अतकेच भर नहीं महिला मन ल प्रेरणा घलोक मिलीस के अपन खुद के काम शुरू कर के कामयाबी मिल सकत हे। वो ह सरलग दुसर महिला मन ल प्रेरित करत रहिथे के अपन आजीविका शुरू करव एखर बर शासन कोति ले बहुत से योजना चलाए जात हे। अतकेच नही, जनपद पंचायत कोति ले बैंक लिंकेज के माध्यम ले महिला समूह ल 100000 रूपिया के ऋण घलोक उपलब्ध कराए जात हे। पूर्णिमा बताथे के वोला बिहान योजना के तहत 60 हजार रुपए के रिवाल्विंग फंड अऊ सक्रिय महिला समूह होए के नाते 15 हजार रुपिया के अनुदान घलोक मिलीस। मछली पालन अऊ मुर्गी पालन ले होवत आमदनी समूह के खाता म जमा होवत हे ताकि ये व्यवसाय ल अऊ बड़े रूप दे सकयं।
बिहान योजना ले महिला मन बनत हें आत्मनिर्भर
पंदर के महिला मन ह घलोक शुरू करिन कड़कनाथ पालन
पोल्ट्री व्यवसाय ले तीन महिना म कमाइन 50 हजार रुपिया
पाटन ब्लॉक के पंदर गांव के महिला मन ह डेढ़ साल पहिली जुलाई 2019 म स्वामी आत्मानंद स्व-सहायता समूह के गठन करिन। अध्यक्ष इन्दिरा वर्मा बताथे के शासन कोति ले महिला मन ल आजीविका स्थापना बर काफी मदद उपलब्ध कराए जात हे ते खातिर उमन घलोक सोचिन के कुछ व्यवसाय शुरू करे जाए। वो ह बताइस के सी आर पी राउण्ड के समय बिहान योजना के बारे म जानकारी मिलीस त जुलाई 2019 म महिला मन ह मिलके स्वामी आत्मानंद स्व सहायता समूह के गठन करिन। पहिली सबो महिला मन खेती अऊ मजदूरी करके जीवन यापन करत रहिन।
एखर बाद समूह के 11 सदस्य मन साप्ताहिक बचत 20 रूपिया करत सरलग समूह के संचालन चालू रखिन। एखर बाद हमार कोति ले आत्मनिर्भर बने के दिशा म आजीविका के काम सुरू करे के सोंचिन। एखर बाद कड़क नाथ अऊ ब्रायलर मुर्गी पालन शुरू करिन। जुलाई 2020 ले आजीविका शुरू करिन जेमां चूजा खरीदी, शेड निर्माण अऊ दाना पानी बर एक लाख रूपिया के खर्च होइस। काम शुरू होए के 2 महिना बाद अब प्रति महिना 10 हजार रूपिया के आय प्राप्त होवत हे, उमन ल अब तक कुल 50 हजार रूपिया के आय हो गे हे। सचिव शकुन वर्मा बताथे के ये आजीविका गतिविधि ल सुरू करके हम सबो सदस्य आत्मनिर्भर होवत हन अऊ दूसर समूह घलोक एखर से प्रेरित होवत हे।
महिला मन ल स्वावलंबी बनाए बर शासन प्रशासन हे संकल्पित– जिला पंचायत के सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ह बताइस के तीनों जनपद पंचायत मन के माध्यम ले महिला मन ल बिहान योजना के तहत जोड़े जात हे छत्तीसगढ़ सरकार गांव के महिला मन ल आत्मनिर्भर अऊ आर्थिक रूप ले सक्षम बनाए बर सरलग प्रयास करत हे उमन बताइन के कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेद्र भूरे के निरंतर मार्गदर्शन म ग्रामीण अंचल ल फोकस करत शासन के योजना मन ल आखरी मनखे तक पहुंचाए के उदीम करे जात हे।