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वनवास काल म माता सीता ह राजिम के संगम म करे रहिन कुल देवता के पूजा-अर्चना

रायपुर, 04 अगस्त 2020। राजिम ल छत्तीसगढ़ के धर्मनगरी के नाम ले जाने जाथे। राजिम म महानदी के तट म राजीव लोचन मंदिर परिसर ले लगे सीताबाड़ी हे। राजिम ल लोक कला संस्कृति के गढ़ तको कहे जाथे। राजिम म पैरी, सोंढूर अऊ महानदी के पवित्र संगम स्थल त्रिवेणी हे। इही त्रिवेणी संगम स्थल म कुलेश्वर महादेव के जुन्‍ना मंदिर हे। कुलेश्वर महादेव के संबंध म किवदंती हे के 14 साल के वनवास काल म माता सीता ह संगम स्थल म स्नान करके अपन कुल देवता के नदी के रेत ले विग्रह बनाके पूजा अर्चना करे रहिन। इही सेती ओखर नाम कुलेश्वर महादेव हे।

राजिम छत्तीसगढ़ बर जन आस्था के केन्द्र हे। इहां हर बछर माघी पुन्नी मेला ले महाशिवरात्रि तक कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करे जाथे। इहां देश विदेश ले साधु-संत अउ दर्शनार्थी मन के शुभागमन होथे। कुलेश्वर महादेव मंदिर के तीरेच लोमश ऋषि के आश्रम हे। वोकरे तीर एक महिना तक मनखे कल्पवास करथें। राजिम क्षेत्र ल छत्तीसगढ़ के पंचकोशी परिक्रमा के नाम ले घलोक जाने जाथे। पंचकोशी परिक्रमा म 5 स्वयंभू शिवलिंग के मनखे मन साधना पूर्वक परिक्रमा करथें। जेमा प्रमुख श्री कुलेश्वर महादेव, राजिम, पठेश्वर महादेव, पटेवा, चम्पेश्वर महादेव, चंपारण, फणिकेश्वर महादेव, फिंगेश्वर अऊ कोपेश्वर महादेव कोपरा हे। राजिम पुरातत्व अउ प्राचीन सभ्यता बर प्रसिद्ध हे। इहां भगवान श्री राजीव लोचन के भव्य प्रतिमा स्थापित हे। सीताबाड़ी म उत्खन्न के काम करे जात हे। जेमां सम्राट अशोक के काल के विष्णु मंदिर, मौर्य कालीन अवशेष, 14वीं शताब्दी के स्वर्ण सिक्का, बहुत अकन मूर्ति अऊ सिंधुघाटी सभ्यता ले जुड़े बहुत अकन कलाकृति मिलत हे। आप म जानतेच हव के राजिम माघी पुन्नी मेला महोत्सव म पूरा छत्तीसगढ़ के लोक कला संस्कृति के दर्शन होथे।

छत्तीसगढ़ के ये प्रयागराज राजिम, जिहां सोंढुर, पैरी अऊ महानदी के संगम हे। वोकर बर कहे जाथे के राम वन गमन के बेरा म भगवान श्री रामचन्द्र सीता अऊ भाई लक्ष्मण के संग लोमश ऋषि के आश्रम म रूके रहिन। ओ मन पंचकोशी धाम के जगा मन ले घलोक गुजरे रहिन। वनवास काल म राम ह ये जगा म अपन कुलदेवता महादेव के पूजा-अर्चना करे रहिन। त्रिवेणी संगम राजिम के पहिचान कई सदी ले आस्था, धर्म अऊ संस्कृति नगरी के रूप म स्थापित हे। राजिम नगरी के धार्मिक, पौराणिक अऊ ऐतिहासिक मान्यता हे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के पहल म राम वन गमन परिपथ ल पर्यटन के दृष्टि ले विकसित करे जात हे। पर्यटन विभाग ह एखर बर करीबन 137 करोड़ रूपिया के कॉन्सेप्ट प्लान बनाए हे। पहिली चरण बर चिन्हित 9 जगा मन म गरियाबंद जिला के प्रयागराज के नाम ले विख्यात राजिम घलोक सामिल हे। राजिम ल पर्यटन के दृष्टि ले बनाय गए प्लान म राम वन गमन पथ बर राजिम ल चिन्हांकित करे गए हे। कुलेश्वर मंदिर अऊ राजीव लोचन मंदिर अऊ लोमश ऋषि आश्रम के सौंदर्यकरण करके उहां जरूरी सुविधा विकसित करे बर योजना तियार करे गए हे। ये योजना म राजिम के तीर-तखार के 25 किलोमीटर परिधि म पंचकोशी धाम यात्रा के प्रमुख स्थल मन म मूलभूत सुविधा- पेयजल, यात्री प्रतीक्षालय, पर्यटन सुविधा केंद्र संग बहुत अकन सुविधा विकसित करे जाही।

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