ट्राइबल टूरिज्म रिसार्ट म दिखही जनजातीय संस्कृति, कला अऊ ग्रामीण परिवेश के झलक: मुख्यमंत्री श्री बघेल

  • मुख्यमंत्री ह कुरदर, सरोधा दादर अऊ धनकुल के इको-एथनिक रिसॉर्ट के करिस ई-लोकार्पण
  • पर्यटन के क्षेत्र म विश्व के नक्शा म बनही छत्तीसगढ़ के बने जघा: पर्यटन मंत्री श्री साहू
  • राम वनगमन पर्यटन परिपथ विकास कोष के जल्दी होही गठन: पावन काम म जनता ल मिलही सहभागिता के मौका

रायपुर, 14 अगस्त 2020। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह आज इहां अपन निवास कार्यालय म आयोजित कार्यक्रम म छत्तीसगढ़ म ट्रायबल टूरिज्म ल बढ़ावा देहे बर नवा बने तीन रिसार्ट बिलासपुर जिला के कुरदर हिल इको रिसॉर्ट, कबीरधाम जिला के सरोधा दादर बैगा एथनिक रिसॉर्ट अऊ कोण्डागांव जिला के धनकुल एथनिक रिसॉर्ट के वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम ले ई-लोकार्पण करिन। राज्य सरकार के पर्यटन विभाग कोति ले भारत सरकार के स्वदेश दर्शन योजना के तहत ए रिसार्ट मन ल बनाए गए हे।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ह ये बेरा म कहिन के छत्तीसगढ़ के आदिवासी संस्कृति अऊ वोखर से जुड़े महत्वपूर्ण स्थल मन बर आज के दिन महत्वपूर्ण हे। आदिवासी कला, संस्कृति अऊ इंकर वैभव ले पर्यटक मन ल परिचित कराए बर ’’ट्राइबल टूरिज्म सर्किट’’ के विकास करे जात हे। भारत सरकार के स्वदेश दर्शन योजना के तहत 13 जनजातीय बाहुल्य स्थल मन म पर्यटक मन बर स्थानीय ट्राइबल अऊ इको टूरिज्म थीम उपर आधारित सुविधा विकसित करे जात हे। उमन कहिन के पर्यटक ए जगा मन म रूकके इहां के कइ सदी के जुन्ना जनजातीय संस्कृति, कला अऊ ग्रामीण परिवेश ल नजदीक ले देख अऊ समझ सकहीं।

मुख्यमंत्री ह कहिन के पर्यटक मन म अपन सांस्कृतिक धरोहर ल सुरक्षित रखे, स्थानीय संस्कृति के सम्मान करे अऊ प्रकृति म प्रदूषण कम करे के भाव जागृत होही। पर्यटन ले राज्य के पहिचान स्थापित होए के संगेच स्थानीय मनखे मन बर रोजगार के अवसर निर्मित होही। आदिवासी अंचल म प्रकृति ह न सिरिफ दिल खोलके नैसर्गिक खूबसूरती देहे हे भलुक स्थानीय संस्कृति के रूप म बहुत अकन कला घलोक देहे हे, जऊन कोनो इंसान ल अपन प्रकृति के सबले खूबसूरत स्वरूप ले परिचित कराथे।

मुख्यमंत्री ह कहिन कि छत्तीसगढ़ म राम वन गमन पथ आस्था अऊ संस्कृति के केन्द्र बनही। ये परिपथ आदिवासी अंचल मन म हमर संस्कृति के बगरे मोती मन ल जोड़के अइसन सुग्‍घर माला बनाही जऊन मनखे मन के जीवन म आस्था अऊ संस्कार ल मजबूत करही। छत्तीसगढ़ भगवान राम के ननिहाल के रूप म जाने जाथे। भगवान राम वनवास के समय छत्तीसगढ़ के 75 जगा मन म गए रहिन अऊ 51 जगा म थिरा के बिलमें रहिन, एमां ले पहिली चरण म 9 जगा मन के सौंदर्यीकरण अऊ विकास कई विभाग मन के समन्वय ले करे जात हे। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के विकास काम के शुभारंभ चंदखुरी के कौशल्या माता मंदिर ले करे गए हे। उमन कहिन के भगवान श्रीराम के प्रति छत्तीसगढ़ के जनमानस के भावना मन ल ध्यान म रखत जनसहयोग बर ’राम वनगमन पर्यटन परिपथ विकास कोष’ के लउहे गठन करे जाही। एखर माध्यम ले आमजन घलोक आर्थिक सहयोग के पुण्य सुअवसर प्राप्त कर सकहीं।

समारोह म पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ह कहिन के छत्तीसगढ़ पर्यटन के दृष्टि ले समृद्ध राज्य हे। अवइया बेरा म विश्व के नक्शा म छत्तीसगढ़ के स्थान बनही। उमन कहिन के भारत सरकार के स्वदेश दर्शन योजना के तहत छत्तीसगढ़ म इहां के आदिवासी अऊ जनजातीय संस्कृति ले पर्यटक उमन ल परिचित कराए बर ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के परियोजना स्वीकृति कराए गए हे। करीबन 96 करोड़ रूपिया के ये परियोजना म प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य 13 क्षेत्र- जशपुर, कुनकुरी, मैनपाट, कमलेश्वरपुर (मैनपाट), महेशपुर, कुरदर, सरोधा दादर, गंगरेल, नथियानवागांव, कोण्डागांव, जगदलपुर, चित्रकोट अऊ तीरथगढ़ सामिल करे गए हे।

मुख्यमंत्री निवास म आयोजित ई-लोकार्पण समारोह म कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, ग्रामोद्योग मंत्री श्री गुरू रूद्र कुमार, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, विधायक श्री मोहन मरकाम, पर्यटन सचिव श्री अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, प्रबंध संचालक पर्यटन मंडल श्रीमती इफ्फत आरा संग पर्यटन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहिन।

लउछरहा..