रोजगार के संगेच कुपोषण ल मात देहे के काम, आंगनबाड़ी मन म अंडा के आपूर्ति

बीजापुर, आदिवासी अंचल के महिला मन अब घर के परंपरागत मुर्गीपालन ल व्यावसायिक रूप देके अपन पांव म खड़े होवत हें। अलग-अलग स्वसहायता समूह मन के ये महिला मन स्वरोजगार के संगेच कुपोषण ल मात देहे के घलोक काम करत हें। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम), डीएमएफ (जिला खनिज न्यास निधि) अऊ 14वां वित्त आयोग के अभिसरण ले सुदूर वनांचल बीजापुर जिला के 43 समूह मन के महिला मन सामुदायिक मुर्गीपालन करके अंडा उत्पादन करत हें। स्थानीय जिला प्रशासन महिला अउ बाल विकास विभाग कोति ले संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान बर आंगनबाड़ी मन बर ए अंडा के खरीदी करत हे। समूह के महिला मन स्थानीय बाजार म घलोक ए अंडा ल बेचत हें। कई स्वसहायता समूह मन जिला के 43 सामुदायिक मुर्गीपालन केन्द्र म तीन लाख 77 हजार अण्डा के उत्पादन करे हें। एमां ले तीन लाख 44 हजार अंडा के बिक्री ले महिला मन ह 25 लाख रूपिया ले जादा के कमाई करे हें।

मुर्गीपालन ल व्यावसायिक रूप देके अपन पांव म होइन खड़ा
नक्सल प्रभावित बीजापुर जिला म वनोपज संग्रहण, कृषि अऊ पशुपालन गांव वाले मन के आजीविका के प्रमुख आधार हे। उहां के आदिवासी परिवार अपन घरे म परंपरागत रूप ले मुर्गीपालन करथें। स्थानीय महिला मन के मुर्गीपालन म दक्षता अऊ कुपोषण दूर करे म अंडा के उपयोगिता ल देखत बीजापुर जिला प्रशासन ह साल 2020-21 म अलग-अलग योजना मन के अभिसरण ले सामुदायिक मुर्गीपालन के माध्यम ले अंडा उत्पादन के आधारशिला रखिस। ये परियोजना के अंतर्गत जिला म अभी 43 सामुदायिक मुर्गीपालन शेड संचालित होवत हे। इंकर निर्माण मनरेगा ले मिले 60 लाख नौ हजार रूपिया, 14वां वित्त आयोग के 29 लाख 72 हजार रूपिया अऊ डीएमएफ के एक करोड़ 27 लाख 26 हजार रूपिया के अभिसरण ले होय हे। ये दौरान जिला के मनरेगा श्रमिक मन ल 6536 मानव दिवस के सीधा रोजगार घलोक प्राप्त होए हे।

स्वरोजगार के संग ही कुपोषण ले मुक्ति के लड़ई
स्वरोजगार के संगेच कुपोषण ले मुक्ति के लड़ाई म जिला के बीजापुर विकासखण्ड के नौ, भैरमगढ़ विकासखण्ड के 14, भोपालपटनम विकासखण्ड के सात अऊ उसूर विकासखण्ड के 13 स्वसहायता समूह मन के महिला मन अपन सहभागिता देवत हें। पशुपालन विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन म मुर्गीपालन म व्यावसायिक दक्षता हासिल करके ये महिला मन बी.वी. 380 लेयर बर्ड्स प्रजाति के कुकरी मन के पालन शेड म करत हें। सामुदायिक मुर्गीपालन बर चिंया के आपूर्ति, केज के व्यवस्था अऊ साल भर बर चारा अउ जरूरी दवई मन के इंतजाम डीएमएफ के माध्यम ले करे गए रहिस।

बीजापुर विकासखण्ड के तोयनार ग्राम पंचायत म मुर्गी शेड के संचालन करइया रानी दुर्गावती स्वसहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती सोनमणि पोरतेक बताथे कि ओखर समूह कोति ले अब तक 49 हजार अण्ड के उत्पादन करे गए हे। एमां ले साढ़े 48 हजार अण्डा के बिक्री ले करीब तीन लाख रूपिया के आमदनी होए हे। उसूर विकासखण्ड के नुकनपाल पंचायत म मुर्गी शेड संचालित करइया काव्या स्वसहायता समूह के सचिव सुश्री पार्वती कहिथे के ये परियोजना ले हम महिला मन ल अपन आजीविका चलाय के साधन मिल गए हे। आर्थिक रूप ले हम सक्षम हो गए हन। मुर्गीपालन ले समूह ल हर महिना बनेच कमई होवत हे। जिला प्रशासन के उदीम अऊ महिला मन के मेहनत के असर अब दिखे लगे हे। बीजापुर म कुपोषण तेजी ले घटत हे। अक्टूबर-2019 म कुपोषण के दर उहां करीबन 38 प्रतिशत रहिस, जेन जुलाई-2021 म आयोजित वजन त्यौहार के आंकड़ा के मुताबिक 13 प्रतिशत गिरके 25 प्रतिशत म आ गए हे।

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