दन्तेवाड़ा, छत्तीसगढ़ शासन कोति ले प्रदेश म वन अधिकार पत्र प्रदान करे बर अनुसूचित जनजाति अऊ आन पारम्परिक वनवासी मन बर वन अधिकार कानून के उचित रूप ले क्रियान्वयन करे जा रहा हे। वन अधिकार के क्रियान्वयन म छत्तीसगढ़ राज्य देश म अग्रणी राज्य के रूप म उभरे हे। राज्य के वनाधिकार मान्यता प्राप्त किसान मन ल अब जमीनी स्तर म एकर लाभ मिलना शुरू हो गए हे। प्रदेश के वन अधिकार मान्यता पत्र प्राप्त किसान अब अपन जमीन ले बेदखल होए के भय ले मुक्त होके उन्नत खेती करत हें अऊ अपन परिवार के भरण-पोषण करत हें। एखर से किसान मन के आय म बढ़ोतरी हो गए हे अऊ ऊंखर रहन-सहन म घलोक अड़बड़ सकारात्मक बदलाव आए हे।
सुदूर वनांचल दन्तेवाड़ा जिला म कुल 9 हजार 954 किसान मन ल ऊंखर काबिज वन जमीन म वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान करे गए हे। इही म ले ग्राम कासोली के वन अधिकार मान्यता पत्र प्राप्त किसान भदरू पिता सोनू जाति मुरिया जेला खसरा नं. 453 म 0-83 हे. अऊ महिला किसान सायबो पिता घुरुवा जाति मुरिया ल खसरा नं 409 मे 0-96 हे. जमीन के वन अधिकार मान्यता पत्र देहे गए हे। दुनों मन ह बताइन कि ये जमीन म कई बरिस ले काबिज होके उमन खेती करत हें। काबर कि ये वनभूमि रहिस जेखर सेती वन अधिकार अधिनियम लागू होए ले पहिली कोनो प्रकार के पट्टा या अधिकार पत्र हमार तीर नइ रहिस, ते पाए के जमीन ले बेदखल होए के भय हमेशा बने रहत रहिस। वन अधिकार अधिनियम लागू होए के बाद ये जमीन के हक मान्यता पत्र के रूप म हमला मिल गे अऊ हम भय मुक्त होके खेती करत हन। किसान अपन खेत म भूटटा, भिन्डी, बरबट्टी व आन हरी सब्जी फलदार वृक्ष आम, केला, पपीता, सेवफल, चीकू, अंजीर के घलोक रोपण करत हें। किसान मन ह बताइन कि वोमन ये जमीन म हर साल दू फसल लेथे। एखर से होवइया आय ले जमीन के समतलीकरण, बोर खनन अऊ सिंचाई बर पम्प, पाईप लाईन स्थापना के काम करत हें। जमीन समतलीकरण, सिंचाई के सुविधा होए ले अब पहिली के तुलना म बनेच पैदावार होवत हे अऊ आय म बनेच बढ़ोतरी हो गए हे। सायबो के जमीन म उद्यान विभाग के मदद ले जाली बाउंड्री, हरी सब्जी बर ग्रीन नेट हाउस निर्माण अऊ ड्रीप पाईप ल लगाए गए हे जेमा गर्मी के मौसम म घलोक हरी सब्जी के बने पैदावार करके कमई होवत हे। दुनों किसान वन अधिकार पट्टा प्राप्त करे के बाद बहुत खुश हे अऊ कृषि बर उन्नत तकनीकी के घलोक परयोग करत हें। जेखर से इंकर आय म सरलग बढ़ोतरी होवत हे। दुनों किसान कृषि ले होवइया आय ले अपन परिवार के भरण पोषण करत हें अऊ खुशहाल जीवन व्यतीत करत हें।
वन अधिकार मान्यता पत्र पाए किसान अब भय मुक्त खेती करत हें
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