गरियाबंद : फुटकर मछली विक्रय ल आमदनी के जरिया बनाइस संजय ह

गरियाबंद, जिला के मत्स्य पालक कृषक एक कोति मत्स्य उत्पादन अऊ बिक्री करके लाभान्वित होवत हें। उहें दुसर कोति अइसन बेरोजगार हे जेमन स्वरोजगार बर फुटकर मछली विक्रय ल अपन आमदनी के जरिया बनाय हें। इही मन म ले एक राजिम निवासी संजय गेंडरे घलोक हे, जे ह मत्स्य विभाग के फुटकर मछली सहायता योजना अंतर्गत जुड़के बनेच आमदनी कमाए म कामयाबी पाए हे। फुटकर मछरी बेचइया संजय गेंडरे बताथे कि परिवार म कुल पांच सदस्य हे। एक भाई एक बहिनी अऊ माता-पिता। पिता ड्राईवर हे अऊ बड़का भाई मुर्गी दुकान म काम करथे। मै ह घलोक स्वरोजगार अपनाए के विचार ले कहूं तालाब, डबरी लेके मछली पालन करे बर मत्स्य विभाग ले संपर्क करेंव। विभागीय अधिकारी मन ह बताइस कि तालाब डबरी लेहे बर पंजीकृत मछुआ समिति या समूह मन ल प्राथमिकता देहे जाथे। संगेच वो ह ये सलाह दीन कि ओ मन फुटकर मछली विक्रय करके कम लागत म आमदनी प्राप्त कर सके हे। विभाग के अधिकारी मन कोति ले फुटकर मछली सहायता योजना अंतर्गत वोला साल 2021-22 म आइस बॉक्स प्रदान करे गीस। आइस बॉक्स मिले म वो ह मत्स्य पालक किसान मन ले मछली बिसा के राजिम-फिंगेश्वर मार्ग म मछली बेंचना शुरू करिस। आईस बॉक्स म बरफ के संग मछली ल रखे ले जादा समय तक मछली ताजा रहिथे। जेखर से ग्राहक मन ल ताजा मछली आपूर्ति करे म सहूलियत होथे। संजय के के कहना हे कि ये व्यवसाय ल करत ओला एक साल होवत हे, जेखर से वोला रोजेच 500 ले 1000 रूपिया तक आमदनी होवत हे। वो ह खुश होके कहिस कि आज मोला रोजगार के संग रोजेच बने आय मिलत हे।

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