राजधानी रायपुर म बनही देश के चौथइया बड़का जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क : श्री भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ के कारीगीर, रिफाइनरी, कटिंग, अऊ पॉलिसिंग के बनही हब
स्थानीय मनखे मन ल मिलही रोजगार

रायपुर सराफा एसोसिएशन ह करिस मुख्यमंत्री के अभिनंदन
रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कहिन हे कि राजधानी रायपुर म बनइया जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क मुम्बई, कोलकाता अऊ सूरत के बाद देश के चौथइया बड़का जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क होही। ये पार्क अपन आप मन म अनूठा अऊ देश अऊ दुनिया के आकर्षण के केन्द्र बनही। मुख्यमंत्री आज बिहनिया इहां सराफा बाजार के महावीर भवन म रायपुर सराफा एसोसिएशन कोति ले आयोजित अभिनन्दन समारोह ल सम्बोधित करत रहिन। मुख्यमंत्री ह एखर पहिली सदर बाजार स्थित ऋषभ देव मंदिर म पूजा करके प्रदेश के सुख समृद्धि के खुशहाली के कामना करिन। 

मुख्यमंत्री ह कहिन कि ये पार्क, रायपुर के जुन्ना गंज मंडी म करीबन दस लाख वर्ग फीट म करे जाही। ये मां दस मंजिल होही अऊ दू हजार दुकान बनही। ये भवन सबे सुविधा होही अऊ इहां सुरक्षा के घलोक पूरा ध्यान रखे जाही। श्री बघेल ह कहिन कि ये भवन के डिजाइन बर सराफा एसोसिएशन ले घलोक विचार विमर्श करे गए हे। छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास निगम के अधिकारी मन ल जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क के अध्ययन बर कोलकाता भेजे गए रहिस हे। एखर बाद ओ मन ल मुम्बई घलोक भेजे जाही, ताकि रायपुर म बनइया पार्क के गुणवत्ता अउ सुविधा मन म कोनो कमी झन रहे। मुख्यमंत्री ह एसोसिएशन कोति ले करे गए आत्मीय अभिनन्दन बर आभार प्रकट करिन। उमन समारोह म उपस्थित सबो मनखे मन ल संविधान दिवस के बधाई अऊ शुभकामना दीन।

रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री हरक मालू ह बताइस कि एसोसिएशन कोति ले मुख्यमंत्री ले 13 नवम्बर के मिलके रायपुर म जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क स्थापना के आग्रह करे गए रहिस। मुख्यमंत्री के अध्यक्षता म 15 नवम्बर के आयोजित केबिनेट के बैठक म पार्क स्थापना के मंजूरी प्रदान कर दीए गीस। श्री मालू ह कहिन कि जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क बने ले छत्तीसगढ़ के कारीगीर, रिफाइनरी, कटिंग अऊ पॉलिसिंग के हब बनही, स्थानीय मनखे मन ल रोजगार मिलही अऊ राज्य सरकार ल राजस्व घलोक मिलही। 

ये अवसर म रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री हरक मालू संग सर्वश्री इंदरचंद धाड़ीवाल, जितेन्द्र बरलोटा, त्रिलोक बरड़िया, महेन्द्र कोचर अऊ एसोसिएशन के बहुत अकन पदाधिकारी, सदस्य अऊ प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहिन। 

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