रायपुर, उड़ीसा के घुमंतु जनजाति लकड़ी अऊ चमड़ा ले बने वाद्ययंत्र के संग मनमोहक प्रस्तुति देहीं। राजधानी रायपुर कें साइंस कॉलेज मैदान म एक नवंबर ले शुरू होवत राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव म उड़ीसा के घुडका जनजाति के कलाकार मन पहली पईत सामिल होवत हें। ये कलाकार मन मुख्य मंच म घबुकुडु नृत्य के प्रस्तुति देहीं।
घबुकुडु नृत्य म करीबन 22 कलाकार अपन परंपरागत् परिधान म सज-धजके घुडका गीत गात नृत्य करथें। ये नृत्य म लकड़ी अऊ चमड़ा ले बने वाद्य यंत्र घुडका के उपयोग करे जाथे। नृत्य म पुरूष अऊ महिला दुनों सामिल होथें। नृत्य समूह के मुखिया सुश्री रीमा बाघ ह बताइस कि महिला मन कपटा (साड़ी), हाथ म भथरिया अऊ बदरिया, गला म पैसामाली, भुजा मन म नागमोरी पहिर के नृत्य करथें। अइसनहे पुरूष लंगोट (धोती) अऊ सिर म खजूर के पत्ती ले बने टोपी विशेष रूप ले पहिरथें। उमन बताइन कि घुडका जनजाति घुमन्तु प्रजाति हे, ये नृत्य के प्रदर्शन ओ मन जंगल ले बाहिर भ्रमण के समय आम जनता के आगू प्रस्तुत करत हें। ये जनजाति भोजन ले लेके आन जरूरत मन बर पूरा वन संसाधन मन उपर निर्भर रहिथें। ये अपन परंपरागत् देवी-देवाता मन म गहरी आस्था रखथें।