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गौठान ले जुड़के स्व सहायता समूह माइलोगन मन सँवारत हे अपन भविष्य

रइपुर 04 अगस्त 2021 बुधवार। किसान अउ पशुपालक ल आर्थिक लाभ पहुंचाए बर छत्तीसगढ़ सरकार कोति ले संचालित गोधन न्याय योजना ग्रामीण माइलोगन मन के आत्मनिर्भरता के पोठहा माध्यम बन गे हे । गौठान ले जुड़के स्व सहायता समूह के माइलोगन मन अपन भविष्य सँवारत हे।

गोधन न्याय योजना ले स्व सहायता समूह के माइलोगन मन पूरा लगन ले वर्मी खाद निर्माण म जुटे हे। आत्मा योजना ले उन ल वर्मी खाद बनाए के प्रशिक्षण अउ खाद उत्पादन बर गेंगरूआ प्रदान करे गे हवय।  एकर छोड़ फार्म् स्कूल के संचालन करके जैविक खाद निर्माण के बारीकी मन ले उन मन ल अवगत कराए गे हवय । गौठान म स्थापित वर्मी टैंक अउ वर्मी बेड ले माइलोगन मन खाद बनावत हे। खाद के पैकिंग बर बारदाना, सिलाई मशीन अउ तौले बर मशीन कृषि विभाग अउ ग्रामीण विकास विभाग कोति ले उपलब्ध कराए गे हे। तियार खाद समिति मन के माध्यम ले बेचाथे एकर ले मिले राशि मनल ले माइलोगन मन आर्थिक लाभ पावत हे ।

बिलासपुर जिला ग्राम ठरकपुर के श्रीमती ममता टेकाम बताइन कि कृषि विभाग कोति ले गोबर म गेंगरूवा डारके खाद बनाए के तरीका बताए गे हे। वोह गांव ले सकेलाए गोबर ल गौठान म लाने के काम करथे अउ समूह के आने माइलोगन मन संग मिलके वर्मी खाद के उत्पादन करथे । जेकर ले ओला गांवे म रोजगार मिलत हे। गोधन न्याय योजना ले ओला रोजगार अउ पैसा कमाए के जरिया मिलीस हे।

कोटा विकासखण्ड के ग्राम शिवतराई श्रीमती सफीन बाई सिरसो ह बताइन कि पहिली वोमन अपन समूह म पैसा के लेनदेन करय। अब  वर्मी खाद बनाए के बूता करत हे। जेकर ले ओला मजदूरी मिलत हे। गांव के बाहिर काम खोजे बर नई जाना परत हे। जय मां दुर्गा स्व सहायता समूह ग्राम जुहली के श्रीमती दुखनी बाई मरकाम ह कहीन कि पहिली गांव के माइलोगन मन बेरोजगार रिहिन। अब वर्मी खाद बनाए के काम मिले हे। खाद ले सबो के कमई होवत हे । घर के खर्चा अउ लइका मन के जेब खर्च देहे म अब वोमन सक्षम हे अउ भविष्य बर पैसा तको बचावत हे । महामाया समूह शिवतराई कुमारी जलेश्वरी धु्रव बताइन कि पहिली अपने खर्चा बर ओला पिता, भाई ले पैसा मांगना परय। गोधन न्याय योजना ले जुड़े ले ओला अपन छोटे मोटे खर्चा बर  पैसा नई मांगे बर परय।

अपने गांव के गौठान म स्व सहायता समूह के माइलोगन मन पूर्णनिष्ठा ले जैविक खाद उत्पादन कार्य म लगे हे। येह अतका आसान हे कि वोमन दैनिक परिवारिक कार्याें के बाद बाचे समय के उपयोग खाद निर्माण बर करथे। माइलोगन मन अपन बूता ये प्रकार करत हे कि कोनो सदस्य उपर बूता के ज्यादा बोझ नई परय।

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