मनरेगा ले तियार कुआँ ले आजीविका के खुलिस नवा रद्दा

रायपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला के पेंड्रा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत सोनबचरवार निवासी 46 वर्षीया श्रीमती उमिन्द कुंवर के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ले बने कुआं आजीविका बर सहारा बन गए हे, एखर से घर म सब्जी के खेती ले आय के नवा जरिया घलोक मिल गए हे। उहें निस्तारी के समस्या घलोक हल हो गए हे।
मनरेगा ले ग्रामीण जन-जीवन ल सरलग मजबूती मिलत हे। ये योजना के तहत् कुआँ, डबरी, तालाब, पशु शेड, फलोद्यान संग आन हितग्राही मूलक काम मन ले किसान मन अउ पशुपालक मन के आजीविका बेहतर होवत हे। योजना ले गांव वाले मन, किसान मन ल ऊंखर अपन निजी जमीन म स्वीकृत काम मन म रोजगार घलोक मिलत हे। मनरेगा ले श्रीमती उमिन्द कुंवर घर के बाड़ी म कुआँ बने के बाद अब ओ ल पहिली के जइसे रोजमर्रा के जरुरत ल पूरा करे बर पानी के व्यवस्था बर दूर तक भटकना नइ परत हे। कुआँ बने के बाद ओखर जीवन सहज हो गए हे। ओ ह ये कुवां ले अपन 50 डिसमिल के बाड़ी म रकम-रकम के साग-सब्जि के उत्पादन घलोक लेवत हे।
श्रीमती उमिन्द कुंवर ह बताइस कि मनरेगा ले खुद के नाम म बने परिसम्पत्ति ले खुद ल गौरान्वित महसूस करत हे। वोखर परिवार म वोखर पति श्री कलवन कुंवर के अलावा दू लइका हे। परिवार तीर जीवन-यापन बर करीबन 2 एकड़ के खेती हे। राज्य सरकार ले वन अधिकार पट्टा के अंतर्गत एक एकड़ के जमीन घलोक मिले हे, जेमां ओ मन धान के उत्पादन करथें। एखर अलावा महात्मा गांधी नरेगा म खुलइया काम के अलावा पति के संग मजदूरी करे घलोक जाथे।
श्रीमती कुंवर ह बताइस कि कुआँ निर्माण के स्वीकृति ले ओ मन ल लगिस कि अब वोखर पास घलोक अपन संपत्ति हे। एखर से ओखर सम्मान बाढ़े हे। वो ह बताइस कि कुआँ बने के बाद पहली पइत ओ मन अपन बाड़ी म सब्जी-भाजी के उत्पादन लेवत हें, जेमां करीबन 2 डिसमिल म लहसुन, 6 डिसमिल म टमाटर अऊ 5 डिसमिल म आलू लगाए हें। एखर अलावा ओ मन कुवां के पानी ले बाड़ी म लाल भाजी, भांटा (बैगन) अउ मिर्च के घलोक उत्पादन करत हें। ओकर बताती अभी शुरुआती उत्पादन के उपयोग ओ मन घर बर उपयोग म करत हे। एखर बाद जइसे-जइसे बाड़ी ले बहुत अकन साग-सब्जि निकलही, ओ मन ओला स्थानीय बाजार म बेचेहीं।

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