- नान्हें लइका अऊ माता मन ल मिलीस घर पहुंच पोषण सुविधा
- चकमक अऊ सजग कार्यक्रम ले होवत हे लइका मन के रचनात्मक विकास
कोंडागॉंव, 14 जून 2020। कोरोना संक्रमण के बाढ़त दउंड़ म घलोक सरकार के कई लोक कल्याणकारी योजना मन के लाभ दूरस्थ क्षेत्र मन तक मनखे मन तक पहुंचाए जात हे। महिला बाल विकास विभाग कोति ले घलोक मुस्तैदी ले महिला मन अऊ लइका मन के स्वास्थ अऊ पोषण बर घर-घर जाके सेवा देहे जात हे। पौष्टिक खाद्य अउ पोषण आहार वितरण ले नान्हें लइका अऊ माता मन बर अति जरूरी हे, एला देखत आंगनबाड़ी बंद होए के दशा म घलोक ग्रामीण अऊ दूरस्थ क्षेत्र मन म पौष्टिक आहार वितरण ल घर पहुंच सेवा के माध्यम ले सुनिश्चित करे जात हे।
पाछू महीना मन म नक्सल प्रभावित कोंडागॉंव जिला के छै महिना ले 3 साल के जिला के 26 हजार 207 लइका मन ल, 3 ले 6 साल के 28 हजार 907 लइका, 5 हजार 497 गर्भवती महिला मन, 6 हजार 29 शिशुवती माता अऊ 11 ले 14 साल के 320 शालात्यागी किशोरी बालिका मन ल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मन ह घर पहुंच रेडी-टू-ईट के वितरण सेवा दी। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत 56 पंचायत मन के करीबन 32 हजार 5 सौ कुपोषित लइका मन अऊ एनीमिक महिला मन ल 15-15 दिन के अंतराल म सूखा राशन देहे के घलोक व्यवस्था करे गीस। एखर अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मन कोति ले स्वास्थ्य आंकलन बर सरलग गृह भेंट घलोक करे जात हे। ये मां महिला मन अऊ लइका मन के स्वास्थ्य जांच अउ टीकाकरण ल प्राथमिकता देहे जात हे।
आज जब कोरोना संक्रमण के चलत सबो आंगनबाड़ी केन्द्र बंद हे अइसन म लइका मन ल घर म ही पारिवारिक सदस्य मन जइसे दादा-दादी, नाना-नानी, माता-पिता या पालक मन कोति ले ओ मन ल रचनात्मक गतिविधि मन म व्यस्त रखे के महती जरूरत हे। एला देखत मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कोति ले आंगनबाड़ी के लइका मन के पूरा विकास बर महिला बाल विकास विभाग अऊ यूनिसेफ के सहयोग ले तियार करे गए ‘चकमक अभियान‘ अऊ ‘सजग कार्यक्रम‘ के शुभारंभ अउ हल्बी अउ गोंडी बोली के दू पुस्तिका ’पहिल डांहका’अउ ’मोद्दोल डाका’ (पहला कदम) के विमोचन करे गीस।
प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्र मन म लइका मन ल जउन शाला पूर्व शिक्षा देहे जाथे तेकर विकल्प के रुप म ‘चकमक‘ अभियान चलाए जात हे। पुस्तिका अऊ सजग वीडियो के माध्यम ले लइका मन के घर जाके ऊंखर पालक मन ल घलोक संदेश देहे जात हे। चकमक अभियान के अंतर्गत नान्हें लइका मन ल खेलकूद, अठखेली, बाल कविता, फोटू के माध्यम ले पशु-पक्षी मन के परिचय संग वर्णमाला ल रोचक तरीका ले अवगत कराए जात हे, जबकि सजग कार्यक्रम ले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मन के मोबाईल म ऑडियो मेसेज म लइका मन के सही परवरिश के सुझाव, कहानी गीत भेजे जात हे।