ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधार बनत हे ’नरवा, गरूवा, घुरवा अऊ बारी’

जांजगीर-चांपा जिला म 136 गौठान बर 22 करोड़ के स्वीकृति

रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य के जांजगीर-चांपा कृषि प्रधान जिला हे, इहां के महानदी, हसदेव नदी, लीलागर नदी के जल अऊ हसदेव-बांगो बांध के सिचाई के लाभ इहां के मेहनतकश किसान लेथें। राज्य सरकार ह अब इही दिशा म अऊ आगू बढ़त खेती-किसानी के संगें-संग ग्रामीण अर्थव्यवस्था ल जादा बेहतर बनाए बर ’नरवा, गरूवा, घुरवा अऊ बारी‘ ल मॉडल तरीका ले क्रियान्वित करे के योजना चालू करे हे। जिला म एखर बर 136 गौठान स्वीकृत करे गए हे।

इही अवधारणा के तहत ग्रामीण क्षेत्र मन के पारंपरिक अऊ प्रचलित व्यवस्था गौठान अऊ चारागाह ल फेर मजबूत करना अऊ बनाए रखना हे। जांजगीर-चांपा जिला म एखर तहत सबले कम तीन एकड़ जमीन म औसत 300 पशु मन के दृष्टि ले गौठान बनाये जात हे। गौठान के चारों कोति बाहरी परिधि म वाटर एब्जॉर्प्सन ट्रेन्च, मध्य म चैन लिंक्ड वायर मेश फैसिंग, अंदरूनी परिधि म पैटल पु्रफ ट्रेन्च, गोबर संग्रहण बर कम्पोस्टिंग पिट, पानी के सोलर ऊर्जा ले संचालित पंप, जल निकासी बर नाली, कीचड़ ले बचाव बर मुरूम-स्टोन डस्ट के बिछाव करे गए हे। पशु मन के पीए बर पानी के टंकी, कम्पोस्ट खाद निर्माण बर नाडेप अऊ वर्मी कम्पोस्ट टंकी तैयार करे जात हे।

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