हमर सरकार जनता के समस्या मन के निराकरण बर बाना उंचाए हे: मंत्री श्री केदार कश्यप

वनमंत्री ह अतिसंवेदनशील ग्राम मर्दापाल म 8.52 करोड़ रुपिया के लागत के 54 विकास काम मन करे गीस लोकार्पण-भूमिपूजन
हितग्राहीमूलक चीज मन के करे गीस वितरण
जनसमस्या निवारण शिविर म 354 आवेदन आइस, करे जाही जल्दी निराकरण
कोण्डागांव, 22 जून 2024। वन अउर जलवायु बदलाव मंत्री श्री केदार कश्यप ह कहिन कि हमर सरकार आम जनता के समस्या मन के निराकरण बर हमेसा तत्पर हे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के अगुवई म गरीब किसान संग सबो वर्ग के विकास बर संवेदनशीलता के संग काम करत हें। मंत्री श्री केदार कश्यप आज कोण्डागांव जिला के अतिसंवेदनशील मर्दापाल म आयोजित जनसमस्या निवारण शिविर ल संबोधित करत रहिन।

मंत्री श्री कश्यप ह ए मौका म 8.52 करोड़ रूपिया के लागत ले बनइया 54 विकास कार्य के भूमिपूजन करिन। एमां 39 विकास काम मन के भूमिपूजन अऊ 15 विकास काम मन के लोकार्पण सामिल हे। श्री कश्यप ह शिविर म शासन के योजना मन के तहत हितग्राहीमूलक सामान के वितरण करिन। जनसमस्या निवारण शिविर म 354 आवेदन आइस, जेखर जल्दी निराकरण करे जाही। उमन कहिन कि राज्य सरकार के जनकल्याणकारी नीति मन के सेती प्रदेश के महिला मन सरलग हर क्षेत्र म आगू बढ़त हें। संगेच धान के मूल्य म वृद्धि ले किसान अऊ तेंदूपत्ता के मूल्य म वृद्धि ले वनोपज संग्राहक खुशहाल जीवन कोति आगू बढ़त हें। शासन हर गरीब परिवार ल पका छत देवत हे। उमन कहिन कि पहिली करे गए घोषणा के क्रियान्वयन करत आज इहां 8 करोड़ 52 लाख रु. ले जादा के विकास काम मन के भूमिपूजन अऊ लोकार्पण करे गए हे। जनाकांक्षा ल पूरा करया ये विकास काम आगू घलोक सरलग जारी रइही।

उमन जनसमस्या मन के समाधानकारक निदान उपर जोर दीन अऊ कहिन कि क्षेत्र म विद्युत आपूर्ति, स्वास्थ्य सुविधा, खाद-बीज वितरण संग कई ठन सेवा मन ल बेहतर ढंग ले पहुंचाए जाही। जनसमस्या निवारण शिविर म स्वास्थ्य जांच घलोक करे गइस। इहां 106 मरीज मन के उपचार एलोपेथिक पद्धति ले अऊ 36 मरीजों के उपचार आयुष पद्धति ले करे गीस। इहां पशुधन विकास विभाग ह घलोक 11 हितग्राही मन ल पशु अऊ कुक्कुट बर औषधि प्रदान करिस।

ए बेरा म जिला पंचायत बस्तर के अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, कोंडागांव जिला पंचायत के सदस्य श्री बालसिंह भारती, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अविनाश भोई, अनुविभागीय अधिकारी सुश्री निकिता मरकाम संग स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, अधिकारी-कर्मचारी अउ बड़ संख्या म ग्रामीण उपस्थित रहिन।

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