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इतिहास कभू नइ मरय – डॉ. जीवन यदु

राजनांदगांव, खैरागढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार अऊ यशस्वी कवि डॉ. जीवन यदु ह कहिन कि इतिहास कभू नइ मरय। हर क्षेत्र के अपन इतिहास होथे। इतिहास लेखन बड़ जिम्मेदारी के काम ये।
डॉ. यदु बीते सनिच्‍चर के विवेकानंद हायर सेकेंडरी स्कूल खैरागढ़ म छत्तीसगढ़ प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के पाठक मंच कोति ले वरिष्ठ पत्रकार वीरेन्द्र बहादुर सिंह के किताब छुईखदान परत दर परत उपर आयोजित विचार गोष्ठी म मुख्य वक्ता के रूप म बोलत रहिन। डॉ. जीवन यदु ह कहिन वीरेन्द्र बहादुर सिंह ह अपन कृति छुईखदान परत दर परत म छुईखदान के इतिहास लिखके महत्वपूर्ण काम करे हे। ये पुस्तक स्थानीय इतिहास लेखन के एक अनुकरणीय काम ये। उमन कहिन हर छोटे ले छोटे जगा के इतिहास होथे, फेर ओखर लिखा नइ होए ले किवदन्ति मन जनम लेथे।
गायत्री विद्यापीठ राजनांदगांव के प्रबंधक अऊ वरिष्ठ लेखक डॉ. सूर्यकांत मिश्रा ह कहिन कि छुईखदान परत दर परत के ऊर्जावान लेखक ह जिहां एक कोति समाज के अभी हाल पीढ़ी संग अवइया पीढ़ी ल एक एनसाइक्लोपीडिया प्रदान करे हे, उहें ओ मन अइसन खोजी लेखक कहे जा सकत हें जेन अपन संग कुदारी लेके चलथें। जिहां कहू कुछू होए के संभावना दिखथे ओ मन कुदारी चलाके तथ्य खोज निकालथें अऊ फेर जेन कृति हमार हाथ लगथे ,वो छुईखदान परत दर परत के रूप म होथे।
राजनांदगांव के वरिष्ठ रचनाकार अऊ नई कविता के सशक्त हस्ताक्षर मुन्ना बाबू ह कहिन कि इतिहास लेखन, बड़ जिम्मेदारी के काम हे। “छुईखदान परत दर परत” के लेखन करके ठाकुर वीरेंद्र बहादुर सिंह ह आज के लेखक मन बर एक अनुकरणीय काम करे हें।
छत्रपति शिवाजी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दुर्ग के प्राचार्य, बहुत अकन पुस्तक के लेखक अऊ संपादक डॉ. चन्द्रशेखर शर्मा ह कहिन कि वीरेंद्र बहादुर सिंह के ‘परत दर परत’ कई मायने म स्थानीय इतिहास लेखन म सफल प्रयास हे। उकर भाखा सरल अऊ शैली प्रवाहमय हे। एला सामान्य से सामान्य आदमी घलोक आसानी ले समझ लेथे। छुईखदान के वैभव ल लिखत खानी लेखक एकदम तटस्थ भाव ले सर्जनाशील दिखथे।
युवा कवि संकल्प यदु ह पुस्तक के आधार आलेख के वाचन करिस। अधिवक्ता टी.के. चन्देल, सहायक प्राध्यापक यशपाल, पत्रकार अनुराग तुरे, साहित्यकार विनय शरण सिंह, जिला पंचायत सदस्य विप्लव साहू, जय जगन्नाथ सेवा समिति छुईखदान के संरक्षक संजीव दुबे अऊ सचिव शरद श्रीवास्तव ह घलोक विचार गोष्ठी म सारगर्भित विचार व्यक्त करिन। सबो वक्ता मन ह छुईखदान परत दर परत ल अमूल्य कृति करार दीन। वक्ता मन ह लेखक वीरेन्द्र बहादुर सिंह ल ये महत्वपूर्ण पुस्तक बर बधाई दीन अऊ पुस्तक के प्रकाशन ले लेके निःशुल्क वितरण बर जय जगन्नाथ सेवा समिति छुईखदान ल साधुवाद दीन।
विचार गोष्ठी म आखरी वक्ता के रूप म पुस्तक के लेखक वीरेन्द्र बहादुर सिंह ह कहिन कि छुईखदान परत दर परत मातृभूमि के प्रति उंखर वंदना ये। छुईखदान के गौरवशाली अऊ समृद्ध इतिहास ल नवा पीढ़ी तक पहुंचाए बर मैं ह ये पुस्तक के रचना करेंव। श्री सिंह ह विचार गोष्ठी के आयोजन बर पाठक मंच खैरागढ़ के आभार व्यक्त करिन।
कार्यक्रम के प्रभावी अऊ धाराप्रवाह संचालन पाठक मंच के संयोजक डॉ. प्रशांत झा ह करिन। ये बेरा म पाठक मंच ह पुस्तक के लेखक वीरेन्द्र बहादुर सिंह, आमंत्रित वक्ता छत्रपति शिवाजी इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी दुर्ग के प्राचार्य डॉ. चन्द्रशेखर शर्मा, गायत्री विद्यापीठ राजनांदगांव के प्रबंधक अऊ लेखक डॉ. सूर्यकांत मिश्रा, नई कविता के हस्ताक्षर मुन्ना बाबू, जय जगन्नाथ सेवा समिति छुईखदान के संरक्षक संजीव दुबे, सचिव शरद श्रीवास्तव के पुष्पहार, शाल अऊ श्रीफल भेंट करके भावभीना अभिनंदन करिस।

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