उद्यानिकी के रकबा बढ़ाये बर जिला म गौठान, बाड़ी अउ नदी के कछार मा लगाए जाही फलदार पौधा

शासकीय रोपणियों मा  फलदार अउ छायादार पेड़ मन के 6 लाख से अधिक पौध तैयार होथे
फल सब्जी उत्पादन बढ़ये से किसान मन के  दीर्घकालिक फायदा  मा साथ सुपोषण अभियान में भी  मदद मिलहि
दुर्ग 24 जून 2020/बारिश अपन साथ बहुत अकन उम्मीद लेके आये हे । ऐ समय किसान मन  बर सबसे जादा महत्वपूर्ण हे काबर की इही समय खेत खलिहान मन में  बुआई और उद्यानों में छायादार-फलदार  पौधा ला रोपे जाथे। हरिहर छत्तीसगढ़ अभियान के तहत पूरा जिला में व्यापक पौधारोपण कार्यक्रम के शुरुआत होगे हे। धरती के हरित श्रृंगार के साथ मा पर्यावरण शुद्धता अउ भरपूर ऑक्सीजन बर पेड़ बहुत महत्वपूर्ण हावे। ये समय पौधारोपण बर श्रेष्ठ माने जाथे । एकरेबर उद्यानिकी विभाग के रोपणियों (नर्सरी) में बारिश के पहले तैयारी शुरू हो गेहे ।  फलदार-छायादार पेड़ जैईसे आम, नींबू, कटहल, पपीता, जामुन, जाम (अमरूद), आंवला, मुनगा, दसमत (गुलमोहर) आदि के पौधा तैयार करे गे हे । हरियर छत्तीसगढ़ अभियान के तहत व्यापक पौधारोपण कार्यक्रम में जिला के 216 गौठानों अउ 666 बाढ़ी मन में भी फलदार-छायादार पौधा रोपे जाही । छत्तीसगढ़ शासन के मंशा हे कि उद्यानिकी के रकबा बढाये जाए । एकरेसेती सामुदायिक बाड़ी अउ बगीचा के भी विकास किये जाथे। जेकर दीर्घकालिक फायदा किसान मन ला मिलहि। इकर अलावा कुपोषण मुक्ति बर शुरू करे गे मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में भी एकर  महत्वपूर्ण भूमिका हावे । अगर फल सब्जि पर्याप्त रूप मा उपलब्ध होही ता महिला मन बर अउ लाइक मन ला आसानी से उपलब्ध हो पाही।आंगनबाड़ी केंद्र मन में घलो बाड़ी विकसित किये जाथे । जेकर बर बड़े संख्या में पौधा तैयार किये जाथे ।
सब्जी- भाजि मन के बीजा ला घलो तैयार किये जाथे- रोपण बीजा के भी उत्पादन भी किये जाथे। दुर्ग ब्लॉक के शासकीय रोपणी रुआँबांधा में ये साल 1.5 क्विंटल पालक, 50 किलोग्राम कसूरी मेथी , 50 किलोग्राम मेथी , 55 किलोग्राम लाल भाजी , 50 किलोग्राम धनिया 55 किलोग्राम चोलाई, 10 किलोग्राम लौकी बीजा के उत्पादन किये जाथे। धमधा व पाटन की रोपण वाले जगह में ओलावृष्टि के कारण बीजा उत्पादन नहीं हो पाइस ।
अगले साल बर जिमीकंदा, कोचई के कांदा अउ भेंडी , बरबट्टी के बीजा उत्पादन के  तैयारी किये जाथे – रोपणियों में अगले साल बर जिमीकंदा, कोचई के कांदा अउ भेंडी , बरबट्टी के बीजा के  उत्पादन तैयारी किये जाथे । पाटन ब्लॉक के अटारी गांव के शासकीय रोपणी में 15 क्विंटल जिमीकंदा अउ एक एकड़ में बरबट्टी बीजा , धमधा ब्लॉक के अहेरी नर्सरी में 12 क्विंटल जिमीकंदा अउ एक हेक्टेयर में भेंडी बीजा अउ दुर्ग ब्लॉक के रुंआँबाँधा नर्सरी में 10 क्विंटल जिमीकंदा, 5 क्विंटल कोचई और 0.5 हेक्टेयर में मिरचा के बीजा उत्पादन के तैयारी किये जाथे ।इकर अलावा धमधा के राजपुर में सीडलिंग यूनिट भी बनथे जीहां दस लाख पौधे हर महीने तैयार होही । सामूहिक फलोद्यान के माध्यम से दस हजार मुनगा के पौधे लगाए जाथे।
आम नागरिक भी पौधरोपण बर जागरुक गार्डनिंग के शौकीन भी आ थे नर्सरी में पौधा खरीदे- बारिश के मौसम आते ही गार्डनिंग के शौकीन लोग मन नर्सरी पहुंथे । घरों घर के साथ साथ औद्योगिक परिसर मन में भी पौधरोपण किये जा थे । बड़े संख्या में लोग पौधा खरीद थे । ये तरह राजस्व के प्राप्ति भी हो जथे ।
स्व सहायता समूह मन के महिला मन वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण के प्रशिक्षण लेथे ।  खाद क्रय- उद्यानिकी विभाग के ये रोपण में महिला स्व सहायता समूहों मन ला वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण के प्रशिक्षण दिए जाथे । इहा से प्रशिक्षण प्राप्त करके महिलामन खाद तको बनाथे ।।महिला मन ला आर्थिक लाभ मिले इकर लिए उद्यानिकी विभाग ये खाद ला भी खरीदथे । धमधा में हर साल 8 टन अउ रुवाबाँधा की नर्सरी में हर साल बहुत ही अच्छा क्वालिटी के 1 टन वर्मी कम्पोस्ट खाद के उत्पादन किये जाथे। बाड़िमन अउ उद्यानमन के लिए लोग हाथों हाथ वर्मी कम्पोस्ट खरीदथे । ये वर्ष पाटन ब्लॉक में नर्सरी में वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन शुरू किये जाथे ।ये खाद आने वाले समय में फल सब्जी उत्पादन बर काफी उपयोगी होही।
अंजोरा, दुर्ग ले सोनू कुमार

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