विशेष लेख: उद्यानिकी ले रोजगार अऊ आर्थिक स्वावलंबन ल बढ़ावा

-नसीम अहमद खान
रायपुर, 27 नवम्बर 2020/ राज्य म बागवानी फसल मन के क्षेत्रफल अऊ उत्पादन म तेजी ले बढ़ोतरी होवत हे। फिलहाल छत्तीसगढ़ राज्य म 8 लाख 61 हजार 663 हेक्टेयर म बागवानी फसल लेहे जात हे अऊ इंकर सालाना उत्पादन एक करोड़ मेट्रिक टन ले जादा हो गए हे। प्रसंस्करण अऊ मूल्य संवर्धन आधारित यूनिट के स्थापना बर राज्य सरकार ह नवा औद्योगिक नीति म कई सहूलियत अऊ प्रावधान करे हे, ताकि किसान मन ल ऊंखर उत्पाद के बेहतर मूल्य मिल सकय।
छत्तीसगढ़ राज्य के जलवायु विविधता के सेती इहां सबो प्रकार के उद्यानिकी फसल मन के खेती के अपार संभावना हे। सरगुजा अंचल के पहाड़ी क्षेत्र म नाशपाती, अंगूर, चाय, कॉफी, काजू, स्ट्राबरी, अलूचा, राज्य के मैदानी क्षेत्र मन म ड्रैगन फ्रूट, बेर, आम, अमरूद, केला नींबू अऊ बस्तर के पठारी क्षेत्र म नारियल, काजू, अड़बड़, दालचीनी, तेजपत्ता अऊ काली मिर्च उत्पादन के प्रचुर संभावना ल देखत इंकर खेती अऊ व्यावसायिक उत्पादन ल बढ़ावा देहे जात हे। राज्य म सबो प्रकार के साग-भाजी के खेती करे जात हे। छत्तीसगढ़ सरकार ह राज्य म फल-फूल, सब्जी अऊ मसाला के खेती अऊ इंकर व्यवसायिक उत्पादन ल बढ़ावा देके किसान मन के आय म बढ़ोतरी अऊ युवा मन ल रोजगार ले जोड़े के पहल करत हे।
राज्य म 133 शासकीय नर्सरी मन के माध्यम ले उद्यानिकी के खेती बर राज्य के किसान मन ल उच्‍च गुणवत्ता के बीज अऊ पौधा देहे जात हे। राज्य म हर साल 27.79 लाख मीट्रिक टन फल, 71.58 लाख मीट्रिक टन सब्जी, 3.54 लाख मीट्रिक टन मसाला, 76 हजार मीट्रिक टन पुष्प अऊ 59 हजार टन औषधीय के उत्पादन होवत हे। रायगढ़ अऊ बिलासपुर म करीबन 16 हजार हेक्टेयर म दशहरी, लंगड़ा अऊ चौसा प्रजाति के आम के व्यवसायिक उत्पादन होवत हे। राजनांदगांव, दुर्ग अऊ रायगढ़ म 300 हेक्टेयर म ड्रेगनफूट, सरगुजा, सूरजपुर अऊ जशपुर म करीबन 5500 हेक्टेयर म लीची अऊ 2000 हेक्टेयर म नाशपत्ती के उत्पादन होवत हे।
रायगढ़, जगदलपुर अऊ कोण्डागांव म 30 हजार हेक्टेयर म काजू अऊ महासमुंद, कबीरधाम, बिलासपुर अऊ बलरामपुर म 15 हजार हेक्टेयर म ताइवान प्रजाति के पपीता (अरन पपई) के खेती होवत हे। कबीरधाम म 350 हेक्टेयर म अरबी (कोंचई) अऊ जीमीकंद अऊ रायगढ़, सरगुजा, कोण्डागांव जिला म अदरक के 7500 हेक्टेयर म खेती करे जात हे। राज्य म फूल मन के बाढ़त मांग ल देखत कई जिला मन म एखर व्यावसायिक उत्पादन ल बढ़ावा देहे जात हे। महासमुंद, रायपुर, दुर्ग, कोण्डागांव, बिलासपुर, कोरबा अऊ बलरामपुर म फूल के खेती बहुतायत रूप ले होवत हे। राज्य म 14 हजार हेक्टेयर म पुष्प उत्पादन करे जात हे।
राज्य के कृषि रकबा अऊ किसान मन के संख्या म बढ़ोतरी ये बात के प्रमाण हे, के राज्य सरकार के किसान हितैसी नीति अऊ कार्यक्रम मन के चलते राज्य के किसान मन के जीवन म खुशहाली के एक नवा दौर शुरू होए हे, जऊन नित नवा स्वरूप म आगू बढ़त जात हे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, जऊन मुताबिक खेती-किसानी ल बढ़ावा देवत हें अऊ किसान मन के माली हालत म सुधार लाय बर काम करत हें, वो अवइया पीढ़ी बर ठोस आधारशिला हे। प्रदेश सरकार के सुराजी गाँव योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा बाड़ी के विकास ले गांव म स्वावलंबन अऊ आर्थिक गतिविधि मन ल बढ़ावा मिले हे। राज्य के करीबन 6400 गौठान मन म पशु मन के संरक्षण अऊ संवर्धन के व्यवस्था के संगेच उहां हरा चारा के उत्पादन, महिला समूह ह सामूहिक रूप ले सब्जी के खेती, फलदार पौधा मन के रोपण अऊ जैविक खाद के उत्पादन के संगेच आन आय मूलक गतिविधि मन के संचालन करत हें।
20 जुलाई 2020 के हरेली पर्व के दिन ले छत्तीसगढ़ राज्य म शुरू होए गोधन न्याय योजना अपन आप मन म अनूठा हे। गांव वाले मन, किसान मन अऊ गो-पालक मन ले 2 रूपिया किलो म गोबर खरीदइया छत्तीसगढ़ राज्य देश दुनिया के इकलौता राज्य हे। ये योजना के माध्यम ले गोबर बिसाए के व्यवस्था ठउका करके छत्तीसगढ़ सरकार ह एक कोति जिहां गांव वाले मन अऊ गो-पालक मन ल सीधा लाभ पहुंचा के सार्थक प्रयास करे हे, उहें दुसर अऊ कड़का पैमाना म जैविक खाद के उत्पादन करके छत्तीसगढ़ राज्य म जैविक खेती ल बढ़ावा देहे के पहल करे हे। महात्मा गांधी उद्यानिकी अऊ वानिकी विश्वविद्यालय के स्थापना, प्रदेश सरकार के किसान हितैसी नीति मन ल आगू बढ़ाए अऊ छत्तीसगढ़ राज्य के किसान मन के खुशहाली के दिशा म एक अऊ सोनहा कदम हे।

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