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जैविक खाद बनाके प्रमोद शर्मा कमावत हे सालाना 15 लाख रूपिया

जिहां चाह उहां राह। ये कहावत साबित कर देखाए हे पेशा ले किसान प्रमोद शर्मा ह। तखतपुर ब्लॉक के ग्राम लाखासर निवासी प्रमोद ह जैविक खेती करके मिसाल कायम करे हे। ओ ह घुरवा ले सालाना 2 सौ टन जैविक खाद तियार करत हे। जैविक खाद के उपयोग करके ओ ह सालाना फसल ले करीबन 15 लाख रूपिया आमदनी करत हे। एखर अलावा सालाना 50 टन जैविक खाद बेचके घलोक मुनाफा होथे। रासायनिक खाद के बदला जैविक खाद के उपयोग करे ले प्रति एकड़ 3 हजार रूपिया के बचत अलग होथे।

बीकॉम तक पढ़ाई करे के बाद प्रमोद ह खेती-किसानी के तरफ रुख करिस। खास बात ये हे कि ओ ह घुरवा ले खुदेच जैविक खाद तियार करत हे। एखर बर उमन अनोखा तरीका अपनाये हें। उमन अपन खाली पड़े जमीन म गौशाला खोले हें। गांव वाले मन ले जादा उमर अऊ अनुपयोगी गाय मन ल गौशाला म भेजे के अपील करिन। देखते देखत गौशाला म पौने तीन सौ गाय हो गीस। जेकर से रोजेच तीन क्विंटल गोबर निकलथे। गोबर ल वर्मी टांका म पानी अऊ आन खातू के संग डारे देथें। एला पानी डालके एक हफ्ता तक ठंडा करे जाथे। फेर ऊपर ले गोबर के घोल डाल देथें। एखर बाद येमा गेंगरूवा मिला देथें। अवइया 3 महिना म जैविक खाद बनके तियार हो जाथे।

क्यूबा ले मंगाये रहिस गेंगरूवा, अब करत हे सप्लाई
प्रमोद बताथे कि हमार इहां के केंचुआ गोबर ले खाद बनाए म जादा उपयोगी नइ हे। मोला पता चलिस कि क्यूबा के गेंगरूवा गोबर ले बहुत अच्छा खाद तियार करथे। मैं ह क्यूबा ले 70 हजार रूपिया म एक क्विंटल केंचुआ मंगाये रहेंव। जेखर उत्पादन अब खुदे करे लगे हंव। रोजे 10 क्विंटल तक केंचुआ सप्लाई कर लेथंव। तीर-तखार के जिला मन ले केंचुआ के बहुत डिमांड हे।

गांव के किसान मन ले बांटथे मुनाफा
प्रमोद बताथे कि गांव के किसान अपन अनुपयोगी गाय मन ल गौशाला म भेजथें। त एखर बलदा म किसान मन ल मात्र 5 रूपिया प्रति किलो म जैविक खाद देथे। जेखर बाजार मूल्य साढ़े 10 रूपिया प्रति किलो हे। ओ ह बताथे कि एक साल म करीबन 2 सौ टन जैविक खाद के उत्पादन होथे। जेमां ले 150 टन खुद अपन खेत मन म उपयोग करथे, बाकी 50 टन खाद ल बेचके मुनाफा घलोक होथे।

बगीचा म लगे बिही बिक जाथे एक घंटा म
प्रमोद बताथे कि जैविक खेती करे के बहुत फायदा हे। मनखे रासायनिक खाद ले उपजे अन्न अऊ फल मन ल कम खाना चाहथे। इही सेती कि ऊंखर पांच एकड़ बगइचा म लगे बिही मात्र एक घंटा म बिक जाथे। वो बताथे के मोर मेर करीब सौ एकड़ जमीन हे जेमां धान, गेहूं अऊ चना लगाए हंव। फेर पाछू 15 साल ले सिरिफ जैविक खाद के ही उपयोग करत हंव।

गौमूत्र ले बनाथे कीटनाशक
गौशाला म गाय मन के मूत्र नाली के माध्यम ले एक टैंक म सकलाथे। जेमां धतूरा, कनेर, लीम के पत्ती डालके 15 दिन तक सड़न देथे। एखर बाद अर्क निकाले जाथे। 1 लीटर अर्क ल 10 लीटर पानी म मिलाके फसल म छिड़काव करे जाथे जऊन कीटाणुनाशक के काम करथे।

गाय के सींग ले बनाथे अमृत भभूत
गाय के मरे म ओखर सींग ल खोखला करके गौमूत्र अऊ गोबर भर देथे। जऊन ल बर के पेड़ के तरी छइंहा म एक फीट अंदर गाड़ देथे। नब्बे दिन म ये पावडर बन जाथे। जऊन ल 2 सौ लीटर पानी म घोल लेथें। ये बहुत ही असरकारक कीटाणुनाशक के काम करथे।

प्रमोद शर्मा के जैविक खेती म उल्लेखनीय काम ल देखत राज्य सरकार ह ओ मन ल मास्टर ट्रैनर घलोक बनाये हे। जल्दीच ओ ह आन किसान मन ल घुरवा अऊ जैविक खेती के ट्रैनिंग देंहीं।

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