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गउमूत्र ले बने जैविक कीटनाशक के सरलग मांग बाढ़त हे

गोधन न्याय योजना ह बनिस आर्थिक सशक्तिकरण के मॉडल,मिलत हे दुगुन फाइदा
जसपुर, नेहा राठौर के खबर/ गोधन न्याय योजना ह आर्थिक स्वालंबन के मॉडल बनके उभरत हे। ग्रामिन, स्वसहायता समूह, पशुपालक अउ खासकर के महिला मन ल रोजगार देहे के संग ग्रामीन अर्थव्यवस्था ल घलो मजबूत बनावत हे। ए योजना के तहत बिसाए वाले गोबर अउ गउमू़त्र ले बने वर्मीकम्पोष्ट अउ जैव कीटनाशक ल किसान भाई मन अबड़ तेजी ले अपनात हे।
फरवरी महिना तक सरकार ह 215.50 करोड़ रूपिया के गोबर बिसा दारे हे।
अब गौठान मन म गउमूत्र के खरीददारी होए ले स्व-सहायता समूह के आमदनी म बढ़ोतरी होइस हे।
जिला कबिरधाम के गांव बिरकोना अउ बीरेंदनगर गौठान म स्व-सहायता समूह के महिला मन गउमूत्र ल बिसा के ब्रम्हास्त्र जैव कीटनाशक के निरमान करत हे।
गउमूत्र ले बने कीटनाशक म रोग प्रतिरोधक क्षमता रासायनिक कीटनाशक ले कतको जादा रईथे।
छत्तीसगढ़ ह देश के पहिली अइसे राज्य हे जे ह पशुपालक अउ लोगन मन ले दु रूपिया किलो म गोबर अउ 4 रूपिया लिटर म गउमूत्र ल बिसात हे।
गोधन न्याय योजना म गोबर खरीदी के सफलता हर ही गउमूत्र खरीदी करे के अधार बने हे।

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