- स्थायी विकास बर विरासत, पर्यावरण अऊ जैवविविधता ल सहेजना जरूरी-प्रो.त्रिपाठी
- कलेक्टर ह कहिन विरासत के विविधता ल बचाना होही
- जशपुर म दू दिन के नेशनल सेमीनार के आगाज
जशपुरनगर, पुरातत्व अउ पर्यावरण विसय म दू दिन नेशनल सेमीनार के सनिवार के दिन इहां जिला पंचायत के ऑडिटोरियम म दीया जला के शुभारंभ करत कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ह कहिन कि जशपुर जिला पुरातत्व अउ पर्यावरण के दृष्टि ले बहुत समृद्ध हे। ये सुदूर आदिवासी क्षेत्र होए के सेती अभी तक ये इलाका सर्वेक्षण अउ गहन अध्ययन ले अछूता रहे हे। इही सेति पुरातात्विक महत्व के कई तथ्य सामने नइ आ पाए हे। जशपुर जिला म पाषाणयुगीन काल के सभ्यता के प्रमाण मिले हे। एला संरक्षित करे के जरूरत हे।
कलेक्टर श्री क्षीरसागर ह आगू कहिन कि जशपुर अंचल म पाषाणयुगीन काल के हाल फिलहाल म 3-4 जगा प्रकाश म आए हे। इहां उत्तर पाषाण काल के घलोक स्थल विद्यमान हे। उमन कहिन कि जशपुर जिला प्रशासन कोति ले आयोजित ए दू दिन के नेशनल सेमीनार के आयोजन के मुख्य उद्देश्य ये हे कि पुरातत्ववेत्ता, इतिहासकार अउ पर्यावरणविद मन के माध्यम ले जिला के समृद्ध पुरातत्व ल संरक्षित अउ संवर्धित करे म एक दिशा मिलय। ए अवसर म उमन जिला पुरातत्व संग्रहालय के स्थापना बर करे जात पहल अऊ जिला के पुरातत्व, इतिहास ल संरक्षित अउ संवर्धित करे बर मनखे मन ले सहयोग के अपील करिन।
ए अवसर म कलेक्टर श्री क्षीरसागर, वनमण्डलाधिकारी श्री कृष्ण जाधव, इन्द्रपस्थ विश्वविद्यालय के शोध निदेशक प्रोफेसर सर्वेश त्रिपाठी, प्रो.के.के.अग्रवाल, रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर के इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो.आभा रूपेन्दर पाल, प्रो. नरेन्द्र यादव, डॉ.विजय रक्षित, डॉ.बी.डी दिवान, प्रो.बी.के. पटेल डिप्टी कलेक्टर श्री आर.एन.पाण्डेय, पुरातत्व संग्राहलय रायपुर के पुरातत्वविद श्री जे.आर.भगत, सेमीनार के संयोजक शिखर श्रीवास्तव संग आन गणमान्य मनखे अउ छत्तीसगढ़ संग आन राज्य मन ले शोधार्थी मौजूद रहिन।
संगोष्ठी के पहिली तकनीकी सत्र के शुभांरभ पेनेलिस्ट डॉ. आभारूपेन्दर पाल (एचओडी इतिहास संकाय पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर), प्रो.के.के. अग्रवाल, श्री नरेन्द्र यादव अउ डॉ. विजय रक्षित, के विशेष मौजूदगी म होइस। ए अवसर म शोधार्थी के रूप सहायक प्राध्यापक दीपक नायर दिल्ली, प्रो. बी.डी.दिवान बिलासपुर, प्रो. शैलेष मिश्र शासकीय कॉलेज पाटन दुर्ग, डॉ. अंजनी तिवारी रायगढ़ ह अपन शोध पत्र के पठन करत पुरातत्व, इतिहास, जनजातीय परम्परा अउ संस्कृति अउ पर्यावरण अउ जैव विविधता म प्रकाश डालिन। ए अवसर म अगरिया समाज के प्रमुख रोपण राम ह अगरिया नामक पुस्तक भेंट करिस। कार्यशाला म सेमीनार के संक्षेपिका के घलोक विमोचन करे गीस। कार्यक्रम म अगरिया समाज के रोपण बंधु कोति ले समाज के लोकगीत के प्रस्तुत दे गीस। ए अवसर म अनिता गुप्ता के काव्य संग्रह ’सजल’ के विमोचन घलोक होइस।