आंवरी के गौठान म गौ-सेवा के संग उपजत हे साग-भाजी अऊ होवत हे कड़कनाथ

उत्तर बस्तर कांकेर, 05 जनवरी 2021। राज्य शासन कोति ले संचालित महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरुवा, बाड़ी के तहत् जिला म बने गौठान मन म महिला स्व-सहायता समूह कोति ले कई ठन आर्थिक गतिविधि ले महिला मन आत्म निर्भर बनत हे। जिला के चारामा विकासखण्ड के ग्राम आंवरी म संचालित गौठान म पशुधन बर औजला टैंक निर्माण करे गए हे अऊ संगेच नेपियर घास घलोक लगाए गए हे। महिला स्व-सहायता समूह के महिला मन कोति ले गौठान के जमीन म साग-सब्जी के खेती के अलावा कड़कनाथ मुर्गी के पालन करे जात हे। ऊमन गौठान के जमीन म बरबट्टी, लौकी, टमाटर, हल्दी, जीमीकंद, करेला, अरहर, प्याज, धनिया अऊ लहसून आदि के खेती करत हें, जेखर से ओ मन ल बनेच आमदनी होना शुरू हो गए हे। ऊमन अपन अपजाए साग-सब्जी ल स्थानीय बाजार म बेंचत हें, कड़कनाथ मुर्गी-मुर्गा घलोक बेचे के लइक होवत हे, जेला बेंचे ले समूह के महिला मन ल अकतहा आमदनी होही।
जय सफुरा माता महिला स्व-सहायता समूह के 22 सदस्य के महिला मन गौठान ले लगे बाड़ी म साग-सब्जी उत्पादन करे के बीड़ा उठाए हें। सब्जी-भाजी के विक्रय ले ओ मन ल करीबन 6 हजार रूपिया के आमदनी हो गए हे। समूह के अध्यक्ष पूनम डहरे ह बताइस के साग-सब्जी विक्रय के संग घर म खाए बर घलोक उपयोग म लावत हें, सब्जी खरीदे के पइसा घलोक बचत होवत हे।
अइसनहे जय अम्बे स्व-सहायता समूह के महिला मन कड़कनाथ के 400 चिंया बिसा के मुर्गी पालन के काम चालू करे गए हे। चिंया मन अब बाढ़ के एक ले डेढ़ किलो के हो गये हे, 2 किलो ले ऊपर के होए म कड़कनाथ ल बेंचे जाही। गुरू घासीदास स्व-सहायता समूह के महिला मन गौठान म खरीदे गये गोबर ले वर्मी कम्पोस्ट घलोक बनावत हें, एखर बर 35 वर्मी टांका बनाए गए हे।

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