राज्य स्तरीय युवा महोत्सव 2020 : कहूं ददरिया प्रेम के गीत हे त करमा खुशी के इजहार

  • लोकनृत्य वर्ग म करमा ले सबो के मन हरे बर कलाकार मन ह कसिन कमर
  • जिला के 200 ले जादा कलाकार अउर खिलाड़ी युवा महोत्सव म होहीं सामिल

रायपुर, युवा महोत्सव 2020 म लोक नृत्य वर्ग म जिला के कलाकार अपन मनमोहक करमा नृत्य ले सबो के मन हरे बर कमर कस लेहे हें। अपन पांव के घूंघरू अऊ मांदर के गूंज ल गुंजाए के उदीम जेखर से जब मांदर म थाप दिए जाय त एक लय म उठइया पांव के घुंघरू के मधुर सुर नचइया के संगें-संग देखइया के मन म घलोक गहिर म उतर जाय। कहूं ददरिया प्रेम के गीत हे त करमा खुशी के इजहार हे। युवा मन के प्रेरणास्रोत स्‍वामी विवेकानंद जी के सुरता म 12 ले 14 जनवरी तक प्रदेश के राजधानी रायपुर म युवा महोत्सव के आयोजन क रे जात हे, जिहां ग्रामीण अंचल ले निकलके पूरा प्रदेश के छै हजार ले घलोक जादा युवा भाग लेवइया 821 आने-आने कार्यक्रम मन म अपन दम दिखाहीं। जिला के कलाकार मन कोति ले उंखर मयारू करमा नाच प्रस्तुत करे जाही जऊन आदिवासी संस्कृति, आनंद अऊ उछाह के अजब समागम हे।

का ये करमा, करमा के बारे में पूरा जानकारी

भादो मास के शुक्ल पक्ष के एकादशी के दिन करम परब मनाए जाथे। करम परब के दिन खुशी के नाच ल करमा अऊ गीत ल करम गीत कहिथें। करमा परब के संग कई किंवदंति जुड़े हे। करमा-धरमा अऊ ऊंखर पांच भाई-बहिनी मन के कहानी जिहां करम देवता के असीस ले करमा-धरमा के परिवार के उन्नति अऊ फेर करम देवता के तिरस्कार ले परेसानी के बाद फेर से नियम अउ रीति के संग करम डार लाके देव के अराधना करे ले समृद्धि के कहानी करमा परब म सुनाए जाथे। जेखर गीत ये प्रकार हे –

सातो, सातो भइया, सातो करम गाड़े,
सातो गोतनी सेवा करे रे
भईया मन मांदर टांगे, बहिन जे चावर बांधे
उड़ा पतांर भूइयां लोरे रे,
डड़ा पतांर भूइयां लोरे रे।

सोने मोने करम है करम डांड़े
एक बिता डाइर लेगिन
राजी में उपासलय हाई करम डारे

गाँधी रे गाँधी बाबा
दुनिया के आजाद कारै रे
बड़े-बड़े सिपाही बंदूक से लाड़ै रे
गांधी बाबा कानून से लाड़ै रे

मैना रे मैना, सलो मैना
चल मैना जाब रे रैनी के डाँड़ रे
राजा रानी हाथी घोड़ा सपरय

बाँस परेता नु बाँस ओस
चोचा बड़े-बड़े छते न रई
टुनकी धराय नास गो
बौगी धराय नास गो
बड़े-बड़े छतेना रई

एसन जंबू पानी, एसन जंबू पानी
झरिया-झरिया जंबू पानी रे, जंबू मानती खतेरा

उसगो करम, नवाखानी में नवान्न की पूजा-
छोटे मोटे रंगैनी, सात बरन फुले
रंगैनी झबारला डारी बहुरा तरे

लहुसिया करम –
पी पियो पियो, डारी में बैसल पियो,
पियो रे डारी के मति भाँगबे

जेठवारी करम-
कोमडख़ा पुईदा, धोपे धोपा पुईदा, पेलो जिया,
टांगरकी रई, तोखे एराय पेलो, मोक्खे एराय पेलो
एका नापे एम्बा लगी

लयबद्ध उदयपुरिया करम-
एका पेलो पैसा गा धरी रे, कड़मा नू छुनूर बई
चेड़ा पेल्लो पैसा गा धरी रे, कड़े मान छुनुर बई

बिरिझिंया करम –
केकारो लाल मुर्गा बोले रे रमझम
राजा का लाल मुर्गा, बोले रे रमझम
मुर्गा बोले घरे-घरे मिंजुर बोल मड़ुवा पहार गोई, मुर्गा बोले घरे-घरे

गंगपुरिया करम में –
स्कूल हमर बाईरडीह रे, तहसील लैलूंगा जिला रायगढ़
थाना हमर लैलूंगा रे, तहसील लैलूगा जिला रायगढ़ रे

करम डार ल अखड़ा मने अंगना म गाड़के रात भर खुशी अऊ जोश के संग गीत गात नाचे जाथे अऊ भिनसरहा नदिया म सरो दे जाथे। करम परब ले जुड़े एक अउ मान्यता घलोक हे कि रोहतासगढ़ के लड़ई के बेरा आदिवासी कुड़ुख मनखे मन ह करम पेंड़ के आड़ म लुका के अपन सुरक्षा करे रहिन। तब ले करम वृक्ष ल “कर्म” या अच्छा किस्मत के चिनहा मानके एला देवता स्वरूप माने जाथे। ये नृत्य के अधिष्ठात्री देवी करमसेनी ल घलोक मानथें, त एखर कथा राजा कर्म ले घलोक जोड़े जाथे। ये नाच जम्‍मो छत्तीसगढ़ म मनौती के रूप म मनाए जाथे। करमा नाच के गीत धार्मिक अनुष्ठान ले आन सामाजिक चेतना जगाए, स्वतंत्रता सेनानी मन के वीरता, संगेच रोजमर्रा के जीवन के गोठ अउ हंसी-ठिठोली के घलोक होथे।

लउछरहा..