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गोबर बेंच के बिसाईस स्कूटी: कौशल्या के जम्‍मो काम होवत हे झटपट

न्याय योजना ले आत्मनिर्भर होइस कौशल्या, मुख्यमंत्री ल कहिस धन्यवाद
रायपुर, पुरुष अऊ महिला मन के बीच बराबरी ए पाए के नइ हो सकय के पुरूष मन एती-तेती जाए के साधन बर सामरथ होथें। महिला मन तीर इही साधन के कमी होथे। गोधन न्याय जइसे योजना के माध्यम ले महिला मन अब बरोबरी के साधन ले सम्‍पन्‍न होवत हें। उमन एकर बर अपन खातिर वाहन घलोक खरीदत हें, जेखर से वो अइसे सब्बो काम कर पावत हें जेकर बर ओ मन ल पुरुष उपर निर्भर रहना परत रहिस। गोधन न्याय योजना सिारिफ महिला मन ल आर्थिक रूप ले मजबूत नइ करत हे भलुक सामाजिक दृष्टि ले घलोक ओ मन ल मजबूत करत हे।
डाडंटोली गांव के रहवईया कौशल्या भगत अब अपन घर के कामकाज निपटाए बर अऊ समूह के मीटिंग म जाय बर काखरो अगोरा नइ करय, काबर के ओ ह अब स्कूटी बिसा लेहे हे। वो मीटिंग अटेंड करे स्कूटी ले जाथे जेला ओ ह खुद कमाके खरीदे हे। ये होय हे छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कोति ले शुरू करे गए गौठान योजना ले। कौशल्या के बताती तीन साल पहिली वो उन्नति महिला स्व-सहायता समूह चेरिया गौठान ले जुड़ीस। कौशल्या ह 160 कुंटल गोबर बेचिस। जेखर से वो ह 32 हजार कमाइस। समूह ह कई ठन गतिविधि करथे जेमां 180 कुंटल वर्मी कम्पोस्ट बेचके एक लाख 43 हजार कमाइस। संगेच बकरीपालन ले 45 हजार, मछली पालन ले 15 हजार रुपए कमाइस।
समूह ह आलू ,अदरक के खेती घलोक करथे, एखर से 32 हजार के कमई होईस। समूह ल मिनी राइस मिल घलोक मिलीस। ओखर से 18 हजार के आय होइस। ए मुताबिक समूह ल 2 लाख 40 हजार के आय होइस। समूह के प्रति सदस्य ल 18 ले हजार रु ले जादा के आय होइस। कौशल्या ल गोबर बेचे ले घलोक कमई होए रहिस, ओ ह अपन तुरते के जरूरत के मुताबिक स्कूटी बिसाईस। कौशल्या ह मुख्यमंत्री ल चौपाल म धन्यवाद देवत कहिस के आप मन ये अतका अच्छा योजना चालू करे हव तेखरे सेती में ये कर पाएवं। मुख्यमंत्री ह कहिन कि सबो ल अइसन योजना ले जुड़ना चाही। गौठान ले जुड़े ले गांव वाले मन ल आजीविका के अकतहा स्रोत मिलथे। वर्मी कम्पोस्ट ले जमीन के उर्वरा शक्ति बने रहिथे अऊ अच्छा उत्पादन घलोक होथे।

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