उत्तर बस्तर कांकेर : कोदो-कुटकी उपजईया किसान के बढ़वार

उत्तर बस्तर कांकेर, लघु धान्य फसल के अपन अलगेच महत्व हे, ए फसल मन म पोषक तत्व प्रचूर मात्रा म पाये जाथे। ये फसल आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मन म कम उपजाऊ उच्चहन अउ कंकरीली जमीन म होथे, जेमां आन फसल मन के उत्पादन बने सहिन नइ हो पापय। एक साल पहिली कांकेर जिला म लघु धान्य फसल के रकबा करीबन 5,400 हेक्टेयर रहिस जेन एक साल म बढ़के करीबन 10,056 हेक्टेयर हो गए हे। उत्पादकता पहिली म 566 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के आसपास रहिस जेन एक साल म बाढ़के 816 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो गए हे। पहिली विपणन के व्यवस्था नइ होए के सेती किसान मन धान के फसल ल प्राथमिकता देवत रहिन, संगेच लघु धान्य फसल के प्रसंस्करण मने कोदो, कुटकी ले चांवल निकालना अउ रागी के पालिशिंग करना बहुत श्रम साध्य काम होए के सेती किसान मन अपन के उपयोग बर ही उपजावत रहिन, जेन अकतहा बांच जात रहिस ओला स्थानीय व्यापारी मन ल कम दाम म बेंच देवत रहिन। ए समस्या मन ल ध्यान म रखत जिला प्रशासन ह लघु धान्य फसल मन के उत्पादन अउ प्रसंस्करण ल बढ़ावा देहे खातिर कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर अउ दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के ग्राम गोटुलमुण्डा म लघु धान्य प्रसंस्करण इकाई के स्थापना करिसस, जेखर लोकार्पण प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल करे रहिन अऊ कांकेर जिला ले ’’मिलेट मिशन’’ के शुरूआत होइस। पउर साल 100 एकड़ म रागी, कोदो अउर कुटकी के उन्नत किसिम के बीज के बीजोत्पादन कार्यक्रम किसान मन के खेत मन म ले गीस।

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