गांव के मनखे मन के जीवन म बदलाव लावत हे उमेश्वरी

कभू गांव वाले बंद कर लेवत रहिन दरवाजा, अब गांव म लइका मन ल शत् प्रतिशत होवत हे टीकाकरण

कोण्डागांव, संवेदनशील अऊ जिला मुख्यालय ले सुदूर अंचल म बसे गांव मन म अक्सर बारहमासी सड़क मन अऊ आधारभूत संरचना मन के अभाव म अक्सर ए क्षेत्र मन म रहइया गांव वाले मन ल आधारभूत सेवा मन ले वंचित रहना परथे। ए क्षेत्र मन म पहुंच के अभाव म नियमित रूप ले स्वास्थ्य अऊ आन सेवा मन ले जुड़े कर्मचारी मन के घलोक पहुंचना संभव नइ हो पावय। अइसन म कुछ मनखे अपन कर्तव्यपरायणता के उदाहरण देवत मनखे मन के सेवा म अपन पूरा सामर्थ्य ले काम करत हे। अइसनहेच एक उदाहरण कोण्डागांव जिला म संवेदनशील अऊ जिला के आखरी छोर म बसे ग्राम कुधूर म देखे ल मिलथे। जिहां पदस्थ एएनएम उमेश्वरी नाग ह मनखे मन के सेवा बर अथक प्रयास करत हे।
ये संबंध म उमेश्वरी बताथे कि ओ ल इहां काम करत 05 साल पूरा हो गे हे। ये क्षेत्र म स्वास्थ्य सुविधा ल बढ़ाए बर जिला प्रशासन ह मोला इहां पहिली पइत एएनएम के रूप म पदस्थापना देहे रहिस। जिहां पहिली ले आरएचओ पिलाराम कोर्राम अकेल्‍ला काम करत रहिस। जब नियुक्ति होइस त ये क्षेत्र म नियमित टीकाकरण के प्रतिशत बहुत कम होत रहिस। गांव वाले मन म स्वास्थ्य अऊ शिक्षा के अभाव के सेती मनखे मोला देखके अपन घर म घुसर के कपासट बंद कर लेत रहिन। मनखे मन ले बात करना ओ मन ल स्वास्थ्य संबंधित चीज मन के बारे म समझा पाना बहुतेच कठिन होवत रहिस। गांव म उपस्वास्थ्य केंद्र घलोक नइ होए ले 10 ले 15 किलोमीटर के सफर पैदल अऊ बरसात के दिन म नाव के साथ तय करके गांव आना परत रहिस।
ये संबंध म प्रभारी सुपरवाईजर डीगेश साहू ह बताइस कि ये उमेश्वरी के जिद्द अऊ जुनून रहिस कि ये गांव म ओ ह मनखे मन तक पहुंच के ओ मन ल स्वास्थ्य अऊ शिक्षा के संबंध म बेहतर ले बेहतर जानकारी देके उंखर भय खतम करिस। एखर बर वो ह सबले पहिली स्थानीय हल्बी भाखा सीखीस एकर बाद मनखे मन ले घर-घर जाके मिले लगीस। जेखर से धीरे-धीरे मनखे मन के व्यवहार म बदलाव आइस अऊ सकारात्मक परिणाम दिखे लगिस फेर नियमित टीकाकरण बर ओखर बाद घलोक गांव म विरोध जारी रहिस, केवल दवइ खाए तक ही गांव वाले मन के सहमति मिलत रहिस। गांव म जाय ले ग्रामीण अपन लइका मन ल घलोक ऊंखर आगू लेके नइ आत रहिन। अइसन म ऊंखर सतत् प्रयास ले हमन ल सफलता हासिल होइस। जब गांव के मनखे मन ह खुद महसूस करिन कि उमेश्वरी के देहे दवइ मन ले ओखर स्वास्थ्य बेहतर होवत हे। तब गांव वाले मन अपन लइका मन के बेहतर स्वास्थ्य बर नियमित टीकाकरण के महत्व ल समझत अपन लइका मन के नियमित टीकाकरण करवाना शुरू करिन। अब के स्थिति म लइका मन के शत् प्रतिशत टीकाकरण होवत हे। जेमां ले 95 ले 98 प्रतिशत लइका मन के नियमित रूप ले पूर्ण टीकाकरण करे जात हे। एखर संगेच गांव म अब उप स्वास्थ्य केंद्र घलोक स्थापित हो गए हे। जेखर निर्माण काम ल नक्सली मन निर्माण के समय तीन-चार बार रोके बर तोडे़ घलोक रहिन। फेर अब ये केन्द्र पूरा तियार हे अऊ उमेश्वरी के कर्मठता अऊ कर्तव्यपरायणता के ही परिणाम हे कि अब ग्रामीण अपन मन ले बिना कोनो डर कोनो प्रकार के समस्या होए म स्वास्थ्य सेवा लेहे बर उप स्वास्थ्य केन्द्र तक आए म संकोच नइ करत हें।

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