वृक्षारोपण के संग लेमनग्रास उपजा के किसान मन कमावत हें लाखों रूपिया

कोरिया, 19 जनवरी, 2021। महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों के देख-रेख म होए वृक्षारोपण के संग लेमनग्रास के अंतरवर्ती खेती ह कोरिया जिला के आदिवासी किसान मन ल आर्थिक सशक्तिकरण के एक नवा रद्दा देखाए हे। इहां के रटगा पंचायत के पाँच किसान मन ह अपन जमीन के एक-एक हिस्सा मिलाके पहिली फलदार पौधा मन के रोपण करिन। एखर बाद रोपित पौधा मन के बीच लेमनग्रास अऊ शकरकंद के अंतरवर्ती खेती शुरु करिन। शुरूआते म किसान मन के ये उदीम रंग लाइस अऊ ए मन ल दू लाख रूपिया ले जादा के आमदनी होए हे।
किसान मन के ये आर्थिक सशक्तिकरण के कहानी के शुरुआत होए रहिस, कोरिया जिला के बैकुण्ठपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत-रटगा के आश्रित ग्राम दुधनिया ले। इहां रहइया बसंत सिंह ह अपन 4 एकड़, अहिबरन सिंह ह 2 एकड़, इरियारो बाई ह 1 एकड़, शिव प्रसाद ह 2 एकड़ अऊ रामनारायण ह अपन 1 एकड़ जमीन ल मिलाके पहिली एक चक तियार करिस अऊ ओखर बाद इंकर प्रस्ताव म इहां महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ले साल 2018-19 म पड़त जमीन विकास कार्यक्रम अंतर्गत सामूहिक फलदार पौधरोपण के काम स्वीकृत होइस। एखर अंतर्गत इहां आम, अनार, कटहल, अमरुद अऊ नींबू के पौधा के रोपण करिन। रोपित पौधा मन के रख-रखाव के समय किसान मन ल जिला के कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक मन ले फलोद्यान के बीच अंतरवर्ती खेती करके लाभ अर्जित करे के सुझाव मिलीस।
रटगा गाँव के ए पाँचों किसान मन के अनुरोध म कृषि विज्ञान केन्द्र के टीम ह सामूहिक फलदार पौधरोपण के बीच लेमनग्रास अऊ शकरकंद के अंतरवर्ती खेती के एक प्रस्ताव तियार करिस। किसान मन के आत्मबल अऊ महात्मा गांधी नरेगा के सहयोग ले साल 2020 के मई महिना म ये प्रस्ताव के क्रियान्वयन शुरु होइस। कोरोना माहमारी के बीच शुरु होए ये काम ह ए किसान मन के संगें-संग गाँव के आन गांव वाले मन ल घलोक रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराइन। लॉकडाउन अवधि म इहां 53 मनरेगा श्रमिक मन ल 3076 मानव दिवस के रोजगार उपलब्‍ध करात 5 लाख 62 हजार 400 रुपए के मजदूरी भुगतान करे गीस।
ए पाँचों किसान मन के आर्थिक सशक्तिकरण के ये महती परियोजना म तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करइया कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री आर.एस.राजपूत ह बताइस के किसान मन के जमीन के गुणवत्ता के मुताबिक इहां फलदार पौधा के रोपण करवाए गीस अऊ ऊंखर बीच अंतरवर्ती फसल के रूप म लेमनग्रास (कावेरी प्रजाति), शकरकंद (इंदिरा नारंगी, इंदिरा मधुर, इंदिरा नंदनी, श्री भद्रा, श्री रतना प्रजाति) के खेती कराए गीस।
उमन आगू बताइन के लेमनग्रास के पहिली कटाई अगस्त, 2020 म करे गीस। एक पइत लेमनग्रास लगाय के बाद एखर खेती 4 ले 5 साल तक करे जा सकत हे अऊ हर एक साल 60 ले 70 दिन के अंतराल म 4 ले 5 बार कटाई करे जा सकत हे। जिला म किसान मन के उत्पादक समूह बनाके, ऊंखर माध्यम ले तेल निकालने के यूनिट घलोक लगाए गए हे। ये यूनिट ले कच्चा माल ल इसेन्सियल ऑयल के रुप म प्राप्त करे जात हे। परियोजना म ए मन ल अब तक लेमनग्रास के 60 टन पत्ति मन के बिक्री ले 60 हजार रुपिया, उहें एखर 1 लाख 8 हजार नग स्लिप्स ल बेचे ले 81 हजार रूपिया के आय होए हे। एखर अकतहा शकरकंद के 52,500 नग (शकरकंद वाईन कटिंग) ल बेचे ले ओ मन ल 91 हजार 875 रुपए के लाभ होय हे। अवइया दिनन म ये समूह ल शकरकंद के फसल अऊ रोपित फलदार पौधा ले लेयरिंग, कटिंग, ग्राफ्टिंग अऊ बीज ले उच्‍च गुणवत्ता के तियार नवा पौधा के विक्रय ले घलोक अकतहा आमदनी होही। आज के स्थिति म ये परियोजना इंकर नियमित आय के महत्वपूर्ण साधन बन गे हे।

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