फलोद्यान के बीच सब्जी के अंतर्वर्तीय खेती ले आर्थिक उन्नति के रद्दा म बढत वनवासी परिवार

कोरिया, 19 दिसंबर 2020। कोरिया जिला के विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ के ताराबहरा ग्राम पंचायत म घनघोर जगल के बीच वनवासी परिवार मन के समिलात जमीन अब फलोद्यान के संग सब्जी के व्यवस्थित खेती करे के एक अनुकरणीय उदाहरण बन गे हे। पांच आदिवासी किसान परिवार के मेहनत ल महात्मा गांधी नरेगा के संग मिले ले ये जमीन के अब स्वरूप ही बदल गए हे। अपन परंपरागत खेती के काम म जी-जान ले जुटे ए किसान मन के चेहरा म अब तसल्ली के मुस्कान हे।
फलोद्यान के बीच लगाए गए बैगन के फसल के बीच मुस्कुरात किसान राम सिंह अऊ तोषकुमार बताथे के एक साल म ही सब कुछ बदल गीस। खेती घलोक अऊ खेती करे के तरीका घलोक। अपन पिता भीम सिंह के सियान हो जाय ले खेती सम्हलइया श्री तोष कुमार बतलाथे के इहां के पूरा जमीन करीबन 19 एकड़ के आसपास हे वो पूरा के पूरा बंजर ही परे रहत रहिस। अइसनहे हाल मनोहर सिंह, राम सिंह, थान सिंह अऊ अजमेर सिंह के पड़त जमीन के घलोक रहिस।
सामूहिक कृषि के सुझाव के संगेच महात्मा गांधी नरेगा के अधिकारी मन ह ए किसान मन ल गांव म खाली जमीन म फलोद्यान तियार करे बर सहयोग के बारे म जानकारी दीन। ताराबहरा के किसान मन के समूह ह ये सुझाव ल ही अपन रद्दा बनाइन। अपन जमीन म फलोद्यान तियार करे बर मनेाहर सिंह ह तीन एकड़ जमीन, राम सिंह अऊ ऊंखर भाइ पृथ्वी सिंह अऊ लोलर सिंह ह मिलके पांच एकड़ जमीन, भीम सिंह ह करीबन दू एकड जमीन अऊ थान सिंह, अजमेर सिंह ह घलोक अपन जमीन म फलोद्यान के सहमति दीस। अइसे कुल 12 एकड़ जमीन म सामूहिक फलोद्यान के संग अंतर्वर्तीय सब्जी उत्पादन के काम शुरू करे गीस।
कोरिया कृषि विज्ञान केंद्र के मार्गदर्शन म टपक सिंचाई योजना के तहत सिंचाई के व्यवस्था करत इहां उन्नत किसिम के नींबू, आम, अमरूद, सीताफल आदि के करीबन 2500 पौधे लगा गीस। संगेच इहां 440 गढ्ढा म शकरकंद के पौध लगाए गीस अऊ बाड़ी के तीर म शतावर जइसे मूल्यवान औषधीय पौध के खेती करे गीस। ए पौधा मन के देखरेख बर घलोक ए परिवार मन ल मजदूरी के राशि मिले लगिस अऊ संगेच सब्जी के खेती बड़े स्तर म करे ले इमन ल फलोद्यान तियार होए के पहिलीच बैगन जइसे सब्जी के खेती ले ही 18 हजार रूपिया तक के लाभ हो गीस। एखर अलावा ए परिवार ल पौधा तैयारी के काम ले 85 हजार रूपिया के अकतहा लाभ हो गए हे।
इही नहीं ए किसान परिवार ल शकरकंद के खेती ले 35 हजार रूपिया तक के लाभ हो गए हे अऊ अवइया समय म शकरकंद के खेती ले 1 लाख 20 हजार रूपिया के लाभ होही। अइसे बंजर परे वनवासी मन के जमीन म महात्मा गांधी नरेगा के पड़त जमीन विकास काम ह सब कुछ बदल कर रख देहे हे। ये किसान परिवार अब शासन के मदद ले खुद के उन्नति के रद्दा बनावत हें।

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