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कोरिया: धुंगिया ले मिलही मुक्ति, बेरा म मिलही जेवन- श्रीमती रामतिन बाई

कोरिया, 20 जनवरी 2024। में बहुत खुश हंव कि आज विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत लगे शिविर म हमला प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस मिलीस। अब धुंगिया ले मुक्ति मिलही, आंखी ले आंसू निकलना बंद होही अऊ परिवार ल बेरा म जेवन बनाके घलोक दे पाहूं। में तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ल धन्यवाद देथंव, जेमन हमर जइसे गरीब महिला मन के दरद ल जानिस, समझिस अऊ समाधान कि‍रस। भिनसरहा ले जंगल म लकड़ी बिने जात रहेंव, जंगली-जानवर मन के डर अलग होत रहिस। तन अऊ मन ल आज ए शिविर ले राहत मिले हे। में मोदी जी के आभार व्यक्त करत हंव कि जे मन हम गरीब मनखे मन ल घलोक गैस चूल्हा म जेवन बनाए के सुविधा प्रदान करे हे। ये कहानी नो हय भलुक केन्द्र सरकार के महत्वपूर्ण पहल प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत आज कोरिया जिला के नगर पालिका परिषद शिवपुर-चरचा अउ बैकुण्ठपुर म शिविर म मिले गैस चूल्हा के लाभान्वित शिवरपुर-चरचा अउ बैकुण्ठपुर के हितग्राही करीब 30 वर्षीय श्रीमती रामबाई, 55 वर्षीय श्रीमती मानकुंवर बाई, 25 वर्षीय श्रीमती दुर्गा साथी, 35 वर्षीय फूलबासन बाई, 31 वर्षीय श्रीमती ऊषा बाई ह साझा करिन।
विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत आज जिला के शिवपुर-चरचा अउ बैकुण्ठपुर नगर पालिका परिषद म आयोजित शिविर म बड़ संख्या म हितग्राही पहुंचे रहिन। लाभान्वित हितग्राही मन ह बहुतेच उछाह के संग प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ल धन्यवाद ज्ञापित करत रहिन कि ओ मन ल प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस-चूल्हा मिले हे। उमन अपन बीते दुख-तकलीफ ल साझा करत बताइन कि कइसे चूलहा ले जेवन बनाना परत रहिस, एखर बर पहिली ओ मन ल लकड़ी लाए बर जंगल जाना परत रहिस, उहें जेवन बनात खानी धुंगिया के सेती खांसी उठय अऊ आंखी ले आंसू बोहा जाए। अब गैस-चूल्हा मिले ले हमला ए समस्या ले छुटकारा मिलही।
श्रीमती फूलबासन बाई कहिस कि इहां के कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह घलोक बहुत संवेदनशील हे, ऊंखर प्रयास ही हमला ए योजना मन के जानकारी मिलीस हे अऊ ओखर लाभ घलोक मिलीस हे। श्रीमती ऊषा बाई ह आन पात्र हितग्राही मन ल प्रेरित करत कहिन कि ए योजना बर जरूरी कागजात स्थानीय नगर पालिका परिषद म जमा करव अऊ मोदी सरकार के ए योजना के लाभ उठावव। ये योजना परिवार बर अऊ पर्यावरण बर घलोक बहुत कल्याणकारी हे, काबर के गैस चूलहा होए ले पेड़ के कटाई घलोक रूकही अऊ हरियाली घलोक बने रइही।

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