नवा कृषि कानून-बजट के विरोध म छत्‍तीसगढ़ के किसान काली करहीं चक्‍का जाम

रायपुर, 5 फरवरी। केंद्र सरकार के किसान विरोधी अऊ कॉर्पोरेटपरस्त बजट के खिलाफ प्रदेश के हजारों किसान काली सड़क म चक्काजाम करके प्रदर्शन करहीं। छत्तीसगढ़ किसान सभा अऊ आदिवासी एकता महासभा संग छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन ले जुड़े घटक संगठन किसान विरोधी कानून मन ल वापस लेहे अऊ सी-2 लागत के डेढ़ गुना सबले कम समर्थन मूल्य तय करइया कानून बनाए के मांग म चक्काजाम-प्रदर्शन के तैयारी म जुट गए हें। छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते अऊ महासचिव ऋषि गुप्ता ह कहे हें कि ए नीति मन के खिलाफ 6 फरवरी के पूरा छत्तीसगढ़ म सड़क मन ल जामकरके विरोध प्रदर्शन करे जाही। जब तक ये सरकार किसान विरोधी कानून मन ल वापस नइ लेही, किसान मन के देशव्यापी आंदोलन जारी रहिही। उंखर ये आंदोलन देश के सफ्फा अर्थव्यवस्था के कारपोरेटीकरण के खिलाफ हे। उमन किसान विरोधी कानून के खिलाफ दिल्ली म धरना देवत किसान मन के चोक्‍खी तार ले घेरा अऊ सड़क मन म खीला ठोंके के कड़क निंदा करिन। उमन कहिन कि किसान मन के आय दुगुना करे के वादा करइया सरकार ह हर साल के मुताबिक ये साल के बजट म घलोक साल 2019-20 म कृषि क्षेत्र म करे गए सही खरचा के तुलना म 8 प्रतिशत के अऊ खाद्यान्न सब्सिडी म 41 प्रतिशत के कटौती करे हे। एखर कारण किसान मन ल मंडी मन म अऊ सरकारी सोसायटी मन के अऊ गरीब नागरिक मन ल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जऊन सुरक्षा प्राप्त हे, वो कमजोर हो जाही।
किसान सभा के नेता मन ह कहिन कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि बर ये देश के 15 करोड़ लघु अऊ सीमांत किसान मन बर 90 हजार करोड़ रुपिया के जरूरत हे, फेर मात्र 65 हजार करोड़ रूपिया ही आबंटित करे गए हे। 5 करोड़ ले जादा अप्रवासी मजदूर मन के अपन गांव मन म वापस लहुटे के बावजूद मनरेगा के मद म कोनो वृद्धि नइ करे गए हे। एखर से रोजगार के संकट अऊ गहिर होही। सार्वजनिक क्षेत्र के अप्रयुक्त जमीन ल ओखर असली भूस्वामी मन ल लहुटाए के जरूरत हे, फेर एला कॉरपोरेट मन ल सउंपे के योजना बनाए गए हे। एखर से किसान मन के बेदखली अऊ बाढ़ जाही।

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