कुंतीबाई के खुलिस मोची के दुकान 2 घंटा म कमाइस 100 रूपिया

कुन्तीबाई कहत हे राशन के चिन्ता नइ हे फेर दुकान खुल जाय ले नगदी तको आही

नारायणपुर, 29 अप्रैल 2020। नारायणपुर के कुन्तीबाई पति के निधन के बाद करीबन 21 बछर ले मोची के काम करत आत हे। कुन्तीबाई जूता-चप्पल बनाके अपन गुजारा करथे। कोरोना वायरस के संक्रमण के सेती होए लॉकडाउन ले कुन्तीबाई के मोची के दुकान बंद हो गए रहिस। एक महीना के बाद आज वो ह दुकान खोलिस त वोला दूए घण्टा म जूता-चप्पल मरम्मत करे के 100 रूपिया मिलिस। कुन्तीबाई के बताती 22-23 साल पहिली पति के निधन के बाद ओखर आर्थिक स्थिति अड़बड़ कमजोर हो गए रहिस, कम उमर अऊ दू लइका मन के परवरिश करना कठिन हो गए रहिस। कुन्तीबाई ह पति के काम ल ही अपन आजीविका के साधन बनाइस अऊ सरलग जूता-चप्पल मरम्मत करे के काम करे लागिस। कोरोना वायरस के सेती होए लॉकडाउन के सेती वोकर दुकान बंद होगे अउ ओकर परिवार ल नगदी के समस्या होए लगिस। फेर राज्य शासन के निर्णय ले दुकान खुल जाय म अब नगदी के समस्या धीरे-धीरे दूर हो जाही।

कुन्तीबाई के कहना हे के सरकार ह गरीब मन बर दू महिना के मुफ्त राशन देहे हे। मोला घलोक 70 किलो चाउंर मिले हे। अवइया मई के महीना म घलोक निःशुल्क चाउंर मिलही। एखर अलावा अलग से दाल, तेल, मसाला, गुड़, आलू-प्याज घलोक मिले हे। अब केवल नगदी के ही जरूरत रहिस, दुकान खुल गए हे, नगदी के समस्या घलोक दूर हो जाही। कुन्तीबाई के बताती ओखर पति जूता-चप्पल के मरम्मत बहुत बारीकी से करत रहिन अऊ जूता मन के पालिश एकदम चमकदार करत रहिन। पता नइ चलए के एकर सिलाई होए हे या मरम्मत। कुछ जूता घलोक बना लेत रहिन। जऊन ल वो हॉट-बाजार म बेच देत रहिन। कुन्तीबाई कथे के जब कोनो महिला पांव ले चम्पल उतार के सुधरवाए बर या पालिश करे बर देथे त ओखर पांव म लगे महुर देखके जुन्ना सुरता आ जाथे। कुंतीबाई मास्क लगाके अपन मोची के दुकान म जूता-चप्पल बनाथे। सोशल डिस्टेसिंग के घलोक पालन करत हे अऊ दूसर मन ल घलोक एक दूसर ले एक मीटर दूरिहा रहे अऊ मास्क लगाके दुकान म आए के बात कहिथे।

 

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