पर्यावरण प्रेमी महिला मेट पुष्पा के उदीम ले आबाद हे दू फलदार पौधरोपण क्षेत्र

  • स्वसहायता समूह मन के महिला मन फल उत्पादन के संग दुनों उद्यान मन म करत हें अंतरवर्ती फसल के खेती
  • हरियाली के संग ही आजीविका के घलोक संवर्धन

धमतरी, मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) काम मन म मेट के काम करइया श्रीमती पुष्पा पटेल गांव ल हरा-भरा बनाए के संगेच महिला मन ल रोजगार के नवा अवसर ले घलोक जोड़त हे। धमतरी जिला के कुरुद विकासखण्ड के सिरसिदा गांव के पुष्पा महिला मेट के रूप म अपन कर्तव्य मन के निर्वहन के संगेच स्वसहायता समूह के सक्रिय सदस्य के तौर म मनखे मन ल, खासतौर ले महिला मन ल वृक्षारोपण ले जोड़े के घलोक काम करत हे। ओखर कोशिश ले गांव म महानदी के किनारे पांच साल पहिली पांच एकड़ म रोपे गए फलदार पौधा मन अब 5-6 फीट के हरा-भरा पेड़ बन गे हे। ओखर प्रोत्साहन ले तीन स्वसहायता समूह मन के महिला मन उहां फल उत्पादन के संग अंतरवर्ती खेती करके अपन आजीविका संवारत हें। ये उद्यम के कामयाबी ल देखके ग्राम पंचायत ह साल 2020-21 म मनरेगा अऊ डीएमएफ (जिला खनिज न्यास निधि) के अभिसरण ले 12 लाख 51 हजार रूपिया के लागत ले 7.41 एकड़ म 850 फलदार पौधा के अऊ रोपण करवाए हे। गांव के शिव गंगा स्वसहायता समूह के 11 महिला मन इनकी देखभाल करे के संग रोपित पौधा मन के बीच अंतरवर्ती खेती करत हें।
पेड़-पौधा मन ले बचपन ले ही लगाव रखइया पुष्पा के सिरसिदा म दुनों पौधरोपण क्षेत्र मन म पौधा के देखभाल अऊ महिला मन ल उहां आजीविकामूलक गतिविधि मन ले जोड़े म अहम योगदान हे। बारहवीं तक शिक्षित 39 साल के पुष्पा गांव के महिला मन बर प्रेरणा-पुंज हे। मेट के रूप म पुष्पा के काम मन ले प्रेरित होके ये साल गांव के पांच आन महिला श्रीमती नेहा साहू, श्रीमती चमेली निषाद, श्रीमती देवली दीवान, श्रीमती टिकेश्वरी निषाद अऊ श्रीमती खिलेश्वरी साहू घलोक मनरेगा म महिला मेट बन गए हें।
पुष्पा मनरेगा ले बने गांव के पहिली फलदार पौधरोपण क्षेत्र के बारे म बताइस कि साल 2016-17 म मनरेगा अऊ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अभिसरण ले गांव म मिश्रित पौधरोपण के काम स्वीकृत होए रहिस। एखर अंतर्गत पांच एकड़ क्षेत्र म छह लाख 48 हजार रूपिया के लागत ले 1120 फलदार पौधा के रोपण करना रहिस। पौधरोपण के बाद नियमित रूप ले उंखर देखभाल घलोक करना रहिस, ते खातिर ये मां महिला मन के भागीदारी जरूरी रहिस। गांव के महिला मन शुरू म ये काम बर तियार नइ होवत रहिन। वो ह स्वसहायता समूह मन के महिला मन के संग लगातार बैठक करके एखर गर राजी करिस। ए महिला मन के मेहनत ले पांच एकड़ के ये क्षेत्र आज दूरिहा ले ही हरा-भरा दिखाई देथे। कटहल, जामुन, अमरुद, बेर, आम अऊ करौंदा के पेड़ इहां लहलहावत हे। महिला मन ह ये साल 112 किलोग्राम आमा बेचके साढ़े चार हजार रूपिया कमाए घलोक हें। मनरेगा अभिसरण ले पउर साल 7.41 एकड़ म एकर जइसे अउ दूसर फलदार पौधरोपण क्षेत्र घलोक तियार करे गए हे।
पुष्पा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित जय मां शारदा स्वसहायता समूह के सक्रिय सदस्य हे। वो पाछू पांच साल ले गांव के महिला मन के संग काम करत हे अऊ ओ मन ल स्वसहायता समूह के रूप म संगठित करके आजीविका मूलक गतिविधि मन ले घलोक जोड़त हे। ओखर उदीम ले गांव म अब तक 21 स्वसहायता समूह गठित हो गे हे। एमां ले तीन समूह मन के महिला मन फलदार पौधरोपण क्षेत्र म पेड़ मन के बीच अंतरवर्ती खेती करके शकरकंद, मूंगफल्ली, भाजी, बरबट्टी, सेमी, मूली अऊ गोभी के पैदावार लेवत हें।
महिला मेट के तौर म पुष्पा के सक्रियता अऊ प्रोत्साहन ले मनरेगा काम मन म गांव के महिला मन के भागीदारी लगातार बाढ़त हे। सिरसिदा म कुल पंजीकृत महिला श्रमिक मन के संख्या 400 हे। साल 2017-18 म 179 महिला श्रमिक मन ह 3606 मानव दिवस रोजगार सृजित करे रहिन, जेन साल 2018-19 म बढ़कर 255 महिला श्रमिक मन कोति ले 3752 मानव दिवस, साल 2019-20 म 286 महिला श्रमिक मन कोति ले 7754 मानव दिवस अऊ साल 2020-21 म 334 महिला श्रमिक मन कोति ले 11 हजार 925 मानव दिवस हो गए हे।
गांव म हरियाली बढ़ाय के संगें-संग अपन परिवार के माली स्थिति ल सुधारे म घलोक पुष्पा ह अपन भूमिका के बखूबी निर्वहन करे हे। मेट बने के पहिली वो पढ़े-लिखे होए के बावजूद घर के चार-दीवारी तक सीमित रहिस। पति श्री करण सिंह पटेल मोटर सायकल रिपेयरिंग के काम करथे। आय के सीमित साधन के सेती परिवार के आर्थिक स्थिति बने नइ रहिस। पति के प्रेरणा अऊ ग्राम पंचायत के सहयोग ले पुष्पा साल 2011 ले मनरेगा काम मन म मेट के काम करत हे। मेट बने के बाद लइका मन के परवरिश अऊ घर-परिवार के जरूरत मन ल पूरा करे म वो अपन पति के मदद करत हे। अपन स्वसहायता समूह के संग उद्यान म सब्जि मन के अंतरवर्ती खेती करके अकतहा आय घलोक जुटावत हे।

लउछरहा..