– शनिचरी बाजार म व्यापारी श्री अंकित गुप्ता संग आन आवेदक मन ल आज मिलीस जमीन मालिक हक
दुर्ग 12 मार्च 2020। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह नागरिक मन ल अपन पट्टा ल भूमिस्वामी हक म बदले के पहल करे हें, येकर फायदा अब नागरिक मन ल मिले ल सुरू हो गए हे। एखर बर बहुत अकन आवेदन दुर्ग के नजूल कार्यालय म आए हे। इहां आए आवेदन मन म बड़ जल्दी कार्रवाई करे जात हे। अइसन कुछ आवेदक मन ल आजेच भू-स्वामी हक मिल गए।
जानबा हे के डेढ़ महीना पहिली शनिचरी बाजार के श्याम सेनेटरी के संचालक श्री अंकित गुप्ता ह अपन पट्टा ल भूमिस्वामी हक म बलदे बर आवेदन करे रहिस। वोखर आवेदन उपर लउहे कार्रवाई करे गीस अऊ आज ओला भूमिस्वामी हक प्रदान कर देहे गीस। श्री अंकित ह बताइस के भूमिस्वामी हक मिले ले ओला घेरी-बेरी लीज के नवीनीकरण कराए के झंझट ले मुक्ति मिल गे। संगेच भूमिस्वामी हक मिले ले वोकर प्रापर्टी के रेट घलोक पहिली ले बाढ़ गए। अंकित ह बताइस कि ओला गाइडलाइन दर के कीमत के मात्र दो प्रतिशत जमा करना परिस अऊ भू-स्वामी हक मिल गए। अंकित के पिता श्री रामशरण गुप्ता ह बताइस के झोरी-बेरी नवीनीकरण के प्रक्रिया म उलझना ठीक नइ लगत रहिस। मोला ये बात के घलोक आशंकारहिस के कहूं कोनो कारण से बेरा म नवीनीकरन नइ करा पायेवं या कोनो प्रकार के आन हालत पैदा हो गए त झंझट हो सकत हे। अइसन म सरकार ह भूमिस्वामी हक देवाए के अनुपम पहल करे हे ओखर लाभ उठाना चाही।
नजूल अधिकारी श्री अरुण वर्मा ह बताइस के भूमिस्वामी हक बर राज्य सरकार कोति ले लाए गए योजना के कई लाभ हे। भूमिस्वामी हक मिले ले जमीन के प्रयोजन के संबंध म अग्रिम कार्रवाई करे जा सकत हे। बैंक ले लोन लेहे जा सकत हे। एखर से खरीदी-बिक्री म आसानी हो जाथे। सबले बने बात ये हे के भूमिस्वामी हक मिल जाय ले प्रापर्टी के रेट घलोक बेहतर मिले के संभावना बनथे। हम आप ल बताप देवन के राज्य शासन के हुकुम के मुताबिक गैर रियायती दर म आवंटित जमीन ल गाइडलाइन के दर के कीमत के दू प्रतिशत राशि, रियायती दर म आवंटित जमीन ल गाइडलाइन दर के कीमत के 102 प्रतिशत राशि अऊ अतिक्रमित जमीन ल गाइडलाइन के दर के कीमत ले 152 प्रतिशत राशि जमा करे म भूमिस्वामी हक म बदलाव करे जा सकत हे। एखर से नवीनीकरण करे के जरूरत नइ होही अऊ नगर अऊ ग्राम निवेश के जमीन प्रयोजन के मुताबिक व्यावसायिक प्रयोजन म बदल के बैंक लोन लेहे जा सकही अऊ भूमिस्वामी के रूप म जमीन विक्रय घलोक सरलता ले करे जा सकत हे।