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नक्सल नही, लीची ह बनही अबूझमाड़ के चिन्‍हारी

दंतेवाड़ा, मुख्यमंत्री के हुकुम के बाद अबूझमाड़ अपन नवा चिन्‍हारी बनाए म जुटे हे। एक जमाना रहिस के एला नक्सली मन के गढ़ के रूप म जाने जात रहिस।
लीची बर बिहार के मुजफ्फरपुर इलाका के नाम लेहे जाथे फेर अब छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र के मीठी लीची घलोक मुजफ्फरपुर के लीची ल टक्कर देहे बर मैदान म आवत हे।
मुख्यमंत्री के हुकुम म अबूझमाड़ म सर्वे अऊ मसाहती खसरा वितरण के काम जोर शोर ले चलत हे अऊ अब एखर परिणाम दिखे शुरू हो गए हे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हुकुम म ये क्षेत्र म 200 एकड़ म लीची के पौधा के रोपण करे जाही संगेच जेन किसान मन ल मसाहती खसरा मिले हे उन सबो ल 20 ले 30 पौधा देहे जाही। उद्यानिकी विभाग कोति ले किसान मन के खेत मन म पौधा के रोपण करे जाही अऊ ओ मन ल ट्रेनिंग घलोक देहे जाही।
जानबा हे के लीची के पौधा ल लंबा सर्दी अऊ बहुत बारिश के जरूरत होथे अऊ अबूझमाड़ के क्षेत्र ये हिसाब ले अनुकूल हे। साल 1995 म ओरछा के शासकीय उद्यान म 100 पौधा के रोपण करे गए रहिस जेन अब अड़बड़ फल देवत हे। ये छोट कन सफलता ह उम्मीद ल रोशनी देखाए हे।

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