महासमुंद: कमार बस्ती के दिन अब बहुरे लगिस

महासमुंद, 14 जनवरी 2024। कई बछर ले घना जंगल अऊ बस्ती ले दूरिहा रहइया कमार जनजाति समुदाय के दिन अब बहुरइया हे। आदिकाल ले कमार जनजाति जंगली कंदमूल अए जंगल उपर आश्रित होके, जंगल के बीच ही अपन जिंदगी बसर करत रहिस। ओ मन ल विकास के कोनो उम्मीद नइ रहिस फेर अब ऊंखर दिन फिरइया हे। अब ओ मन घलोक विकास के मुख्यधारा ले जुड़त हें। प्रधानमंत्री जन मन योजना अंतर्गत हर कमार अऊ विशेष पिछड़ी जनजाति बसाहट म उंखर मूलभूत सुविधा मन बर विशेष पहल करे गए हे। जेमां आवास, स्वच्छ पेयजल, बसाहट तक पक्की सड़क, विद्युत, शौचालय, शिक्षा व स्वास्थ्य जइसे बुनियादी सुविधा मन के पहुंच ठउका करे जात हे।
जिला के महासमुंद विकासखंड अंतर्गत ग्राम झालखमरिया एक अइसनहेच गांव हे जिहां कमार समुदाय सैकड़ो साल तक मुख्य बस्ती ले अलग रहत एक विशेष टोला म निवास करत हे। इहां 16 कमार परिवार रहिथे जेमा 55 सदस्य हे। जबकि गांव के कुल जनसंख्या 2152 हे। ए परिवार तीर कुछ साल पहिली तक ना तो पक्का मकान रहिस अऊ न शुद्ध पेयजल के उपलब्धता रहिस। खद्दर अऊ घास फूस ले बने झोपड़ी म रहिके अपन जिंदगी बसर करइया राम सिंह कमार ह कहिस कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सेती आज ये पक्का छत नसीब होय हे, नइ तो ये तो केवल हमर सपना ही रहिस। आज हम एक पक्का अऊ सुंदर घर म खुशहाली पूर्वक जीवन बितावत हें। राम सिंह के अलावा इहां के मनीषा बाई कमार, फुलेश्वरी कमार बताथे कि एक समय हम झरिया के पानी पीए बर मजबूर रहेन। पासे म तालाब हे जिहां हम गढ्ढा खोदके पानी रिसे के अगोरा करन, भिनसरहा अऊ संझा बूंद बूंद पानी बर तरसत रहेन। आज हमार घर म नल हे हमला शुद्ध पानी पीए ल मिलत हे। उहें लक्ष्मी कमार बताथे कि हम भिनसरहा ले उठके जंगल जात रहेन लकड़ी लाय बर अऊ उहें ले तेंदू, चार अउ कंदमूल लाके मुश्किल ले अपन जीवन यापन करत रहेन। फेर आज हम सबो परिवार तीर उज्जवला गैस अंतर्गत गैस हे। अब हम लकड़ी म नहीं गैस म खाना बनावत हन। समूह ले जुड़कर अब काम घलोक करे लगे हन। मनरेगा ले काम घलोक मिललत हे।

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