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महात्मा गांधी नरेगा ले जुड़ के वनाधिकार पत्रक धारी गुलाब सिंह के परिवार होवत हे आत्मनिर्भर

वनभूमि म काबिज आदिवासी परिवार ल मिलत हे भूमि सुधार अउ सिंचाई के साधन के लाभ
कोरिया, वनांचल म रहे वाले आदिवासी परिवार के जीवन म खुसहाली लाए म महात्मा गांधी नरेगा एक कारगर योजना साबित होवत हे। एक कती वनवासि मन ल राज्य सरकार वनाधिकार पत्रक दे के ओमन ल काबिज भूमि के अधिकार प्रदान करत हे अउ ओहीं दूसर कती महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत वनवासि मन ह वन भूमि ल खेती के लायक बना के कुंआ डबरी ले सिंचाई जईसे सुविधा के लाभ प्राप्त होवत हे। मनेन्द्रगढ़ भरतपुर चिरमिरी जिला के ग्राम पंचायत महाई म रहे वाले वनवासी श्री गुलाब सिंह के परिवार अब वन म रह के घलो खुसहाली के राह म आघू बढ़त हे।
श्री गुलाब सिंह ह बताइस कि मनरेगा ले कुआं के स्वीकृति मिले के बाद ग्राम पंचायत के मदद ले ओ ह अपन जमीन म पक्का कुआं बनाइस अउ ओकर बाद स रोजी रोटी ब आने कती कमाये जाए के चिंता सिरा गिस। अब ओकर पूरा परिवार सब्जी-भाजी के उत्पादन म भिडे़ रथे अउ साल भर म साग सब्जी ल बेच के ओ ह लगभग चालीस हजार रुपिया मुनाफा कमा लेथे। एकर छोड़ अउ घर म साल भर खाए ब पर्याप्त अनाज धान गेहूं तको पर्याप्त हो जाथे। अभी जबकि गरमी अपन चरम म हे गुलाब सिंह के खेत म मक्का अउ केला के फसल लगे हुए हे। कुंआ निर्माण के बाद ले एक वनवासी किसान परिवार के अकुसल रोजगार के संग अपन अतिरिक्त आय न घलो आत्मनिर्भर होवत हे। कार्यक्रम अधिकारी मनेन्द्रगढ़ रमणीक गुप्ता ह बताइस कि ए ह पंजीकृत परिवार बीते चार बछर ले सरलग 100 दिवस के अकुसल रोजगार प्राप्त करत हे। तेकर न मनरेगा के तहत पंजीकृत परिवार के वयस्क सदस्य विजय सिंह ल मनरेगा अंतर्गत प्रोजेक्ट उन्नति के तहत चयनित करे गय हे अउ ओला बकरी पालन के पारंपरिक काम के निषुल्क व्यवसायिक प्रषिक्षण आगामी माह म दिलाय जाही। एकर से ए परिवार कर एक बने स्वरोजगार के माध्यम तको बन सकही।

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