भारत, फल अऊ साग-भाजी मन के उपज म संसार भर म दूसरइया नम्बर म हे। आमा, हमारे देश के राजा फल ये। ये अपन सुग्घर सुवाद बर विख्यात हे। आमा ल भारत म ऊष्ण अऊ उष्णकटिबंधीय क्षेत्र मन म उगाए जाथे। ये मा बहुत अकन पोषक तत्व होथे जेन मनुष्य के पोषण संबंधी जरूरत मन ल पूरा करथे। ए फसल ल बहुत अकन कीरा मन हानि पहुंचाथें जेखर से किसान मन ल आर्थिक हानि होथे। बढि़या उपज पाए बर ये मा लगइया कीरा मन ले सही बेरा म बचाव अड़बड़ जरूरी हो जाथे। आमा के उपज देश म लगभग सबो जगा म होथे। एमां उत्तर प्रदेश म सबले जादा आमा के उपज होथे। आज के बेरा म जादा कीटनाशी के परयोग बुत होव हे। एखर से उपज म लागत तो बाढेच हे फेर हमार संगवारी कीरा घलोक ए सब से मरत हें। एकर एक अउ नुकसान हे के फल मन म कीटनाशक के अवशेष बांचे रहि जाथे। आई.पी.एम. पद्धति के चयन कर कम लागत म कीरा मन के प्रबंधन कर सकत हे।
मधुआ कीट:- ये कीरा आमा के नवा पाना, डारा अऊ मउर मन ले रस चूसके फसल ल नुकसान पहुंचाथे। ए कीरा के रस चुसई ले मउर मन मुरझुराके झर जथे। ए कीरा के रोकथाम बर रसायनिक दवई ब्यूवेरिया बेसियाना फफूंद के 2 किलो/एकड़ छिड़काव करना चाही। एमिडाक्लोरोप्रिड 0.3 मि.ली./लीटर पानी म घोलकर छिड़काव करना चाही। आरगनिक दवई के रूप म ये कीरा के रोकथाम बर नीम(लीम) तेल 300 पीपीएम या 2 मि.ली./लीटर पानी म घोलके छिड़काव करना चाही।
फल मक्खी:- ए कीरा के मादा ह फल (फर) भीतरी म अंडा दे देथे। अंडा ले मैगट निकलथे। ये गूदा ल खाके नकसान करथे। जेकर से फल जमीन म गिर जाथे, वो फर खाए के लइक नइ रहय। एखर रोकथाम बर फेरोमोन के घोल मिथाइल यूजिनौॉल 0.8 प्रतिशत
अउर मेलाथियान 0.08 प्रतिशत के संग बनाके डब्बा म भरके पेड़ म टांग देहे ले नर माछी मन आकर्षित होके मेलाथियान ले मर जाथे। एक एकड़ बाग बर चार ट्रैप लगाना चाही।
दहिया कीट:– ए कीरा के निम्फ अऊ वयस्क बौर अउ फल ले रस चूसथें। जबर प्रकोप के दशा म मउर मन सूखा जाथे अउ कहूं फर बन गए रथे त फर मन घलो सूखा जथे। दहिया कीट ले रोकथाम बर गर्मी म गहिर जोतई करना चाही अऊ दिसंबर के आखरी हफ्ता म पेड़ के चारो कोति 25 सेंटीमीटर चौड़ा 400 गेज के पॉलीथीन के पढ़ी जमीन ले 1 मीटर के ऊंचाई म बांध देना चाही। संगेच निचले सिरा म ग्रीस लगा देना चाही या मोनोक्रोटोफॉस 1.5 मि.ली./लीटर पानी म घोल बनाके छिड़काव करना चाही।
तनाछेदक कीट:– ए कीरा के सुंडी पौधा के तना के अंदरे अंदर घुसके खात रहिथे अऊ अनियमित सुरंग बनत रहिथे। एखर से पौधा आंशिक या पूर्ण रूप ले सूख जाथे। ये कीट तना म बुने जाला म फंसे ऊंखर मल के मौजूदगी ले पहचाने जा सकत हे। प्रभावित पौधा मन के छेदा ल कोनो पतला तार ले साफ करना चाही अउ ओमां डाई क्लोरोबास के 2-3 मि.ली. मात्रा पानी म घोलके छेद म डालके गीला माटी ले बन्द कर देना चाही। या फेर कार्बोफ्यूरॉन 3जी 5 ग्राम / छेद म डालके मिट्टी ले बन्द कर देना चाही।
गुठली के घुन:– ए कीट के मादा फल के भीतर अंडा देथे। एखर से ग्रब निकलके गुठली म प्रवेश करके एला खाके नष्ट कर देथे अऊ फल गिर जाथे। गिरे अऊ प्रकोषित फल ल सकेल के नष्ट कर देना चाही।
गॉल मिज:– ए कीट के लार्वा, बौर के डंठल पत्ति, फूल अऊ छोटे-छोटे फल के अंदर रहके हानि पहुंचाथे। एकर प्रभाव ले फूल
अउ फल नइ लगय अऊ फल गिर जाथे। एखर रोकथाम बर गर्मी म गहरी जुताई करना चाही अउ फॉस्मेडॉन 0.05 प्रतिशत (203 ग्राम/एकड) के छिड़काव बौर के स्थिति म करना चाही।
दीमक:– ये मिट्टी के अंदर जीवनयापन करया कीट ये। ये जड़ ल खाथे। एखर रोकथाम बर 10 ग्राम प्रति लीटर ब्यूवेरिया बेसियाना के घोल के छिड़काव करव या तना के ऊपर मोनोक्रोटोफॉस 1 मि.ली./लीटर ले ड्रेंच करव।
फल छेदक कीट:– ए कीट के लार्वा जब फल मटर के आकार के होथे तब ले ये परिपक्वता तक फल म घुसके गूदा अउ बाद म बीज
ल खाके नुकसान पहुंचाथे। एखर से फल शुरुआती अवस्था म गिर जाथे। फलछेदक ले प्रकोप के नियंत्रण बर गिरे फल ल सकेल के नष्ट कर देना चाही। एकर जादा प्रकोप होए म नीम ऑयल 3 मि.ली./लीटर पानी म मिलाके छिड़काव करना चाही या क्लोरात्रिनिलीप्रोले 18.5 ई.से 0.3 मि.ली./लीटर पानी के संग घोलके छिड़काव करना चाही।
देखभाल अउ सुझाव:- आमा म कीरा के रोकथाम बर प्रतिरोधी किसिम ल रोपना चाही। समय-समय म पौधा के कटाई-छंटाई करत रहना चाही। रोगी या कीट ले प्रकोपित टहनी ल काटके निकाल देना चाही। गर्मी म गहरी जुताई करंय ताकि तेज धूप ले मिट्टी म छिपे कीट-व्याधि नष्ट हो जाय। खाद अउ उर्वरक मन के संतुलित मात्रा म परयोग करना चाही। नियमित अंतराल म सिंचाई करत रहव अउ जलभराव होए म अकतहा पानी बर जल निकास के व्यवस्था करव। कीट के प्रकोप होए म क्रांतिक स्तर म उचित अउ जेविक विधि ले नियंत्रण करना चाही। कभू भी कीटनाशक के परयोग फूल खुलत समय नइ करना चाही काबर के एखर से फल के उचित विकास नइ हो पाय संगेच परागण कीट घलोक मर जाथे एखर से परागण नइ होए ले उपज घलोक घट जाथे। फसल के उचित समय म तुडाई कर लेना चाही।
चेतावनी: एमोहे गए रसाइनिक दवई के प्रयोग योग्य कृषि/बागवानी विशेषज्ञ मेर पूछ के करव।