रायपुर, 16 अक्टूबर 2020। बस्तर संभाग म मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के असर दिखे लगे हे। संभाग म सितम्बर-2019 के तुलना म सितम्बर-2020 म मलेरिया के मामला मन म 65.53 प्रतिशत के कमी आए हे। पऊर साल सितंबर म संभाग के सातों जिला मन म जिहां मलेरिया के कुल 4230 प्रकरण मिले रहिस, उहें ये साल सितंबर म कुल 1458 मामला ही आगू आए हे। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के अंतर्गत ये साल जनवरी-फरवरी म एकर पहिली चरण अऊ जून-जुलाई म दूसर चरण संचालित करे गए रहिस।
पहिली चरण म 14 लाख छह हजार मनखे मन के मलेरिया जांच करके पॉजिटिव पाए गए 64 हजार 646 मनखे मन के पूरा उपचार करे गीस। उहें दूसर चरण म कोरोना संक्रमण ले बचे के चुनौती के बीच स्वास्थ्य विभाग के टीम ह 23 लाख 75 हजार मनखे मन के जांच करके मलेरिया पीड़ित 30 हजार 076 मनखे मन ल तुरंत इलाज उपलब्ध कराइस।
मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के असर ले पऊर साल सितंबर के तुलना म ये सितंबर म मलेरिया के मामला मन म कांकेर जिला म 75.2 प्रतिशत, कोंडागांव म 73.1 प्रतिशत, सुकमा म 71.9 प्रतिशत, बीजापुर म 71.3 प्रतिशत, नारायणपुर म 57 प्रतिशत, बस्तर म 54.7 प्रतिशत अऊ दंतेवाड़ा म 54 प्रतिशत के कमी आए हे। कांकेर जिला म पऊर साल सितंबर म जिहां मलेरिया के 491 प्रकरण रहिस, उहें ये साल केवल 122 मामला आगू आए हे। कोंडागांव म पऊर साल के 294 मामला के तुलना म ये साल 79, सुकमा म 480 के तुलना म 135, बीजापुर म 1314 के तुलना म 377, नारायणपुर म 328 के तुलना म 141, बस्तर म 594 के तुलना म 269 अऊ दंतेवाड़ा म पऊर साल के 729 मामला के तुलना म ये साल 335 मामला मलेरिया के दर्ज करे गए हे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के अपील म पूरा बस्तर संभाग म मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान ल जन अभियान के रूप म विस्तारित करे गए हे। अभियान के पहिली चरण के समय दंतेवाड़ा प्रवास म पहुंचे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह सार्वजनिक सभा म बस्तर ल मलेरिया मुक्त करे खातिर मनखे मन ल किरिया खवाए रहिन। स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव घलोक वरिष्ठ विभागीय अधिकारी मन अऊ बस्तर के सबो जिला मन के कलेक्टर मन के बैठक लेके अभियान के शत-प्रतिशत सफलता बर सरलग मॉनिटरिंग करके जरूरी दिशा-निर्देश देवत रहिन।
मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत दुनों चरण म स्वास्थ्य विभाग के टीम ह घना जंगल अऊ पहाड़ मन ले घिरे बस्तर के पहुंचविहीन, दुर्गम अऊ दूरस्थ इलाका मन म घर-घर पहुंचके हरेक मनखे के मलेरिया जांच करिन हे। मलेरिया पॉजिटिव पाए जाय म मनखे मन के तुरंत इलाज घलोक शुरू करे गीस। पूरा इलाज ठउका करे बर स्वास्थ्य कार्यकर्ता मलेरिया पॉजिटिव पाए गए मनखे मन ल पहली खुराक अपन आगूच म खवात रहिन। स्थानीय मितानिन मन ले पीड़ित मन के फॉलो-अप खुराक सेवन के निगरानी करवाए गए रहिस। पीड़ित मन के दवइ के पूरा खुराक लेहे के बाद खाली रैपर (Empty Blister Pack) घलोक सकेले गीस।
अभियान के समय बस्तर संभाग म मलेरिया पॉजिटिव पाए गए मनखे मन म अड़बड़ झन म अइसे मनखे घलव रहिन जेमा मलेरिया के कोइ लक्षण नइ दिखत रहिस। अलाक्षणिक मलेरिया एनीमिया अऊ कुपोषण के कारण बनथे। पहिली चरण म मलेरिया पॉजिटिव पाए गए 57 प्रतिशत अऊ दूसर चरण म 60 प्रतिशत मनखे बिना लक्षण वाले रहिन। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान मलेरिया के संगेच एनीमिया अऊ कुपोषण दूर करे म घलोक महत्वपूर्ण भूमिका निभावत हे।