कोरिया. 19 दिसम्बर 2020। मेहनतकश मनखे सही रद्दा अऊ संसाधन के पंदोली पाके संपन्नता के कहानी गढ़ लेथें। बढ़ोतरी के रद्दा कोति बढ़त कोरिया जिला के पिपरिया म अइसनेच परिवार संपत सिंह के हे। खरीफ के खेती के बाद परिवार के गुजारा बर अकुशल श्रम के कतार म लगइया ये परिवार ल जब ले मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) ले डबरी के रूप म जल-संचय के साधन मिले हे, तब ले इंकर खेती के तरीका ही बदल गए हे।
मनेन्द्रगढ़ विकासखण्ड के पिपरिया गांव के संपत सिंह के परिवार ल अब बरसा के बाद के महीना म रोजगार के चिंता नइ हे। मनरेगा ले एक छोटकुन जल-संग्रह के साधन पाके ओखर परिवार आर्थिक उन्नति के रद्दा म आगू बढ़ गए हे। डबरी बने के बाद वोमन धान के दुगुनी उपज लीन अऊ अब ओ ह अपन बाड़ी म आलू के संगेच टमाटर अऊ मिर्चा के खेती करके आमदनी के जरिया बढ़ावत हे।
संपत सिंह के परिवार म वोकर माँ श्रीमती मानकुंवर, पिता श्री बुद्धु सिंह अऊ पत्नी श्रीमती सुनीता संग चार सदस्य हे। अपन खेत म डबरी निर्माण के बारे म संपत बताथे के वोखर पिता के नाम म गाँव म कुल आठ एकड़ कृषि जमीन हे, जेमां ले चार एकड़ जमीन घर ले लगे हे। पहिली सिंचाई के साधन के अभाव म पूरा के पूरा जमीन असिंचित रहिस। गाँव म वोखर चाचा अऊ परोस के आन किसान मन के खेत मन म डबरी बने के बाद ले उंखर खेती अऊ जीवन म आये बदलाव ल देख-सुन के उहू ह अपन खेत म डबरी बनाए के मन बनाइस। ग्राम पंचायत के मदद ले मनरेगा ले वो ह अपन खेत म डबरी बनवाइस। ओ डबरी के बदौलत ये साल रबी फसल के रूप म वो ह गेहूँ लगाय के तैयारी म हे।
संपत सिंह बताथे के मनरेगा के तहत सितम्बर-2019 म वोखर पिता बुद्धु सिंह के नाम ले खेत म डबरी निर्माण बर एक लाख 80 हजार रूपिया स्वीकृत होइस। ये साल लॉक-डाउन के समय डबरी के काम पूरा हो गीस। ये काम म मनरेगा मजदूरी के रूप म वोखर परिवार ल 18 हजार रूपिया के मजदूरी मिलिस। संपत सिंह ह ये राशि ले बिजली ले चलइया दू हॉर्सपावर के एक पम्प बिसाईस, जेखर उपयोग ओ ह डबरी ले सिंचाई बर करत हे। डबरी म मछली पालन बर वो ह पाँच किलो मछली बीज डारे हे। मनरेगा ले खोदाए ये डबरी संपत सिंह अऊ वोखर परिवार के कृषि आधारित आजीविका ल मजबूत करे के संगेच सब्जि मन के खेती अऊ मछली पालन के रूप म कमाई के अकतहा साधन घलोक मुहैया करावत हे। मनरेगा ले मिले संबल वोखर परिवार ल संपन्नता के रद्दा देखावत हे।