छत्तीसगढ़ के पहिली मिलेट कैफे ले मिलत हे हर महिना तीन लाख रुपिया तक के आमदनी

रायपुर, एक दौर रहिस जब मोटा अनाज ल सस्ता अनाज के रूप म देखे जात रहिस अऊ एकर सही उपयोगिता ले मनखे अनभिज्ञ रहिन, फेर छत्तीसगढ़ सरकार के मिलेट मिशन ह आज ए मोटा अनाज मन ल एक नवा पहिचान देवाए हे। मिलेट्स ले बने पकवान मन ल एक नवा पहिचान देवाए अऊ महिला मन बर आर्थिक तरक्की के रद्दा खोले बर प्रदेश के रायगढ़ शहर म छत्तीसगढ़ के पहिली मिलेट कैफे स्थापित करे गए हे। कैफे के संचालन महिला स्व सहायता समूह के सदस्य मन करत हें। राजधानी रायपुर के सुभाष स्टेडियम म चलत छत्तीसगढ़ मिलेट्स कार्निवाल म शिरकत करे पहुंचे समूह के महिला मन ह बताइन कि ये कैफे के माध्यम ले हर महिना करीब 3 लाख रुपिया तक के आमदनी होवत हे।
रायगढ़ म कैफे के संचालन करत अनुभव स्व सहायता समूह के सदस्य मन म रोहनी पटनायक, ऐनू नाहर, वीणा मीरी, रामेश्वरी यादव ह बताइस, जिला प्रशासन के शुरुआती सहयोग ले मिलेट कैफे के स्थापना करे रहिन अऊ अब हमर कैफे एक लाभप्रद व्यवसाय बन गए हे। ये कैफे म हम मोटा अनाज ले मिलेट चीला, डोसा, मिलेट मोमोज, मिलेट पिज्जा, मिलेट मंचूरियन अऊ कोदो बिरयानी जइसे पकवान बनाथन। ए पकवान मन ल अब मनखे अड़बड़ पसंद करे लगे हें अऊ एकर अड़बड़ बिक्री होवत हे। कैफे के माध्यम ले हम अभी हाल म हर महीना करीबन 3 लाख रुपिया के पकवान के बिक्री करत हन।

लउछरहा..