तीन साल म लघु वनोपज संग्राहक मन ल 18 करोड़ 55 लाख रूपिया अऊ तेंदूपत्ता संग्राहक मन ल 02 अरब 38 करोड़ रूपिया ले जादा के भुगतान
उत्तर बस्तर कांकेर, आदिवासी अंचल म रहइया अधिकांश वनवासी मन के जीवन अऊ रोजगार जंगल अऊ ऊंखर उत्पाद मन उपर निर्भर रहिथे। बिचौलिया मन कीमती वनोपज मन के कम दाम म खरीदारी करके जादा मुनाफा कमाथें। वनवासी मन के जीवन म बदलाव लाय बर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के पहल म वनोपज मन के समर्थन मूल्य ल बढ़ाए अऊ ओखर दायरा बढ़ाए ले संग्राहक मन ल उंखर मेहनत के वाजिब कीमत मिले लगे हे। ये फैसला ह औने-पौने दाम म बिकइया लघु वनोपज ल अब मूल्यवान बना देहे हे।
उत्तर बस्तर कांकेर जिला म ही पाछू तीन बछर म 06 लाख 42 हजार 589 क्विंटल लघु वनोपज के खरीदी करे गीस, जेखर बर संग्राहक मन ल 18 करोड़ 55 लाख 77 हजार रूपिया के भुगतान करे गीस। इही अवधि म सरकार ह कांकेर जिला म 05 लाख 95 हजार ले जादा मानक बोरा तेंदूपत्ता के खरीदी करके 4 हजार प्रति मानक बोरा के दर ले संग्राहक मन ल 2 अरब 38 करोड़ 26 लाख रूपिया ले जादा के भुगतान करिस हे। जिला म ईमली, महुआ, टोरा, चिरौंजी, कुसुमी लाख, रंगीनी लाख, हर्रा, बेहड़ा, सालबीज, कचरिया जइसन लघु वनोपज मन के संग्रहण स्थानीय निवासी मन करथें। लघु वनोपज के खरीदी महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम ले करे ले संग्राहक मन के संग ग्रामीण महिलाद मन ल घलोक रोजगार के अवसर प्राप्त होवत हे।
जानबा हे कि छत्तीसगढ़ देश के एक मात्र राज्य हे, जिहां 52 प्रकार के लघु वनोपज ल समर्थन मूल्य म क्रय करे जात हे, एखर से वनवासी अऊ वनोपज संग्राहक मन ल सीधा लाभ मिलत हे। एकरे सेती छत्तीसगढ़ राज्य आज लघु वनोपज के संग्रहण के मामला म देश के अव्वल राज्य बन गए हे। देश के 73 प्रतिशत वनोपज क्रय करके छत्तीसगढ़ ह नवा कीर्तिमान स्थापित करे हे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के विशेष पहल म तेंदूपत्ता संग्रहण के दर ल 2500 रूपिया प्रति मानक बोरा ले बढ़ाके सीधा 04 हजार रूपिया प्रति मानक बोरा करे गए हे। संगेच महुआ, ईमली, चिरौंजी गुठली जइसे वनोपज ल घलोक जादा समर्थन मूल्य म खरीदे जाय लगे हे। एकर सीधा लाभ ग्रामीण संग्राहक परिवार मन ल होए ले ऊंखर जीवन म सकारात्मक बदलाव आए लगे हे।