अम्बिकापुर जिला म मल्चिंग अऊ ड्रिप इरीगेशन तकनीक ह किसान मन ल साग-भाजी के खेती के चुलुक बढ़ाईस

अम्बिकापुर, 23 अप्रैल 2020। सरगुजा जिला के किसान अब परम्परागत खेती-किसानी के तरीका मन ल छोड़ के आधुनिक अऊ उन्नत तकनीक के प्रयोग करना शुरू कर देहे हें। इही कारण हे के अब साग-भाजी के खेती ल जादा प्राथमिकता देवत हे अऊ जादा मुनाफा कमावत हें। एखर से क्षेत्र के आन किसान मन घलोक प्रोत्साहित होवत हें अऊ जादा रकबा म सब्जी के खेती करत हें।

जिला के बतौली विकासखण्ड के वनांचल ग्राम पंचयात बाँसझाल एकर परगट उदाहरण हे। बाँसझाल वइसे त सुगंधित धान के खेती बर जाने जाथे। इहां जवाफूल, दुबराज के खेती करे जाथे। फेर समय, सिंचाई के साधन अऊ मुनाफा ल देखत अब किसान मन साग-भाजी के खेती कोति आगू बढ़त हें। किसान श्री मदन गोपाल ह बताइस के ओ ह पाछू 2 साल ले मल्चिंग अऊ ड्रिप इरिगेशन तकनीक ले करीबन तीन एकड म दू सीजन म पताल के खेती करत हे अऊ सालाना करीबन 6 लाख रूपिया तक के आमदनी पावत हे। श्री मदनगोपाल बताथे के सिंचाई के उन्नत तकनीक नइ होए के सेती पहिली बहुत कम मात्रा म पताल के खेती करत रहेन फेर अब उद्यान विभाग कोति ले 70 प्रतिशत के छूट के संग ड्रिप इरिगेशन सिसटम लग जाय ले पताल के उत्पादन दू सीजन म करत हन। श्री मदनगोपाल के बताती ग्राम पंचायत बांसाझाल म सबले पहिली उही ह ड्रिप इरिगेशन सिसटम लगाइस। अब गांव के अधिकांश मनखे मन तीर ये सिसटम हे अऊ टमाटर के उत्पादन बहुतायत मात्रा म करे जात हे। श्री मदनगोपाल ह बताइस के कुछ दिन पहिली होए ओलावृष्टि ले टमाटर फसल ल अड़बड़ नुकसान होय हे। फसल क्षतिपूर्ति बर शासन के मदद के जरूरत हे। अइसनहे किसान श्री सुभित अऊ श्री राम कुमार ह घलोक ड्रिप इरिगेशन ले टमाटर के खेती करत हें।

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