छत्तीसगढ़ म नदी-नाला मन ल मिलत हे नवा जीवन : मुख्यमंत्री के पहल म 1310 नाला मन के दशा संवार के जल संरक्षण के होवत हे काम

रायपुर, 23 फरवरी 2021। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के विशेष पहल म छत्तीसगढ़ राज्य म भू-जल संरक्षण अऊ संवर्धन बर संचालित नरवा (नाला) विकास योजना के संग राज्य के नदी-नाला अऊ जल स्त्रोत मन ल पुनर्जीवित करे जात हे। राज्य म संचालित नरवा विकास योजना दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार के महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी के एक घटक ये। नरवा विकास के माध्यम ले वर्षा जल ल सहेजे बर तेजी से नाला मन के उपचार कराए जात हे।
पहिली चरण म छत्तीसगढ़ राज्य म 1385 नरवा (नाला) उपचार बर चिन्हित करे गए हे। जेमां ले 1372 नाला मन म वर्षा जल के रोकथाम बर बोल्डर चेक, गली प्लग, ब्रश हुड, परकोलेशन टैंक जइसे संरचना मन के निर्माण अऊ उपचार करके पानी ल रोके अऊ भू-जल स्तर बेहतर बनाए बर प्लान तियार करके काम कराए जात हे।
छत्तीसगढ़ राज्य म सुराजी गांव योजना के प्रमुख घटक नरवा (नाला) के तहत अब तक 1310 नाला मन म वर्षा जल ल रोके बर कई प्रकार के 71 हजार 831 स्ट्रक्चर बनाए के मंजूरी देहे गए हे, जेमां ले 51 हजार 742 स्ट्रक्चर के निर्माण हो चुके हे। अभी 9 हजार 685 स्ट्रक्चर निर्माणाधीन हे। करीबन दू साल ले छत्तीसगढ़ राज्य म भू-जल संरक्षण अउ संवर्धन के दिशा म होत काम मन के सकारात्मक परिणाम घलोक अब दिखे लगे हे।
छत्तीसगढ़ राज्य म पानी ल रोके के ये मुहिम ल केन्द्र सरकार ह न सिरिफ सहराए हे, भलुक सूरजपुर अऊ बिलासपुर जिला ल नेशनल वाटर अवार्ड ले सम्मानित घलोक करे हे। ये नेशनल वाटर अवार्ड बिलासपुर जिला ल नदी-नाला मन के पुनरूद्धार बर अऊ सूरजपुर जिला ल जल संरक्षण के उल्लेखनीय काम मन बर भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय कोति ले देहे गए हे।
छत्तीसगढ़ राज्य के जिहां-जिहां नरवा उपचार के काम होए हे, उहां भू-जल स्तर म आशातीत बढ़ोतरी होए हे। नाला मन म जल भराव होए ले किसान अब बेहतर तरीका ले फसलोत्पादन के संगे-संग साग-सब्जी के घलोक खेती करे लगे हे। नाला मन के पानी ल लिफ्ट करे ले किसान मन ल सिंचाई के घलोक सुविधा मिले हे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के कहना हे कि छत्तीसगढ़ सरकार के सुराजी गांव योजना के माध्यम ले गांव मन ल विकसित अऊ आर्थिक रूप ले समृद्ध बनाए के पहल करे जात हे । दरअसल ये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपना के गांव गढ़े के दिशा म बढ़त कदम ये। एखर माध्यम ले नदी-नाला अउ पशुधन के संरक्षण अऊ संवर्धन के संगेच जैविक खेती ल बढ़ावा देके पौष्टिक खाद्यान्न, फल अऊ सब्जी-भाजी के उत्पादन ल बेहतर बनाना हे, ताकि गांव आर्थिक रूप ले समृद्ध हो सकय। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ह वर्धा के सेवा आश्रम म प्रार्थना सभा म कहे रहिन कि हमर दृष्टि दिल्ली के बजाय देहात कोति होना चाही। देहात हमर कल्पवृक्ष ये। कल्पवृक्ष हर इच्छा ल पूरा करथे। छत्तीसगढ़ सरकार सुराजी गांव योजना के माध्यम ले ग्रामीण संस्कृति, परंपरा अऊ प्राकृतिक संसाधन मन ल सहेज के सशक्त, खुशहाल अऊ समृद्ध गांव गढ़त हे।

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