नारायणपुर म जीवन बनके दउंड़त हे बाइक एम्बुलेंस

  • हजारों गर्भवती माता मन बर बाइक एम्बुलेंस होवत हे वरदान साबित
  • नक्सल प्रभावित क्षेत्र मन म ज़रूरतमन्द मन के सहारा बाइक एम्बुलेंस
  • बाइक एम्बुलेंस झाड़फूक अऊ अंधविश्वास ल दूर करे म होवत हे मददगार
  • बाईक एम्बुलेंस के आए ले शिशु अउ मातृ मृत्युदर म आइस कमी

नारायणपुर, 29 फरवरी 2020। नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिला के एक बड़का हिस्सा विसम भौगोलिक परिस्थिति मन के सेती आजो मुख्य मार्ग ले नइ जुड़ पाए हे। अबूझमाड़ वो जगा ये, जिहां घना जंगल अऊ नदिया-नरवा बहुते हे। इही सेती मनखे मन ल शासन के मूलभूत सुविधा मन के संगें-संग स्वास्थ्य सेवा मन बर बिकट तकलीफ होथे। उटभट रस्‍दा होए के सेती एम्‍बूलेंस इहां जा नइ पावय, ये बात ल देखत स्वास्थ्य सेवा मन के सरलता ले उपलब्धता ल ध्यान म रखके सरकार कोजि ले बाइक एम्बुलेंस के परयोग करे गए हे। जिला म शुरू म पहिली दू बाइक एम्बुलेंस जंगल के भीतरी डहर छोटे नदिया-परवा, पगडंडी, उबड़-खाबड़ रस्‍ता म म दौड़ाए गीस, जऊन सफल होइस। एकर सफलता ल देखके कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा के विसेस उदीम ले जिला म स्वास्थ्य सेवा ल अऊ बने करे बर मोटर बाईक एम्बुलेंस के सेवा ल बढ़ाए गीस। कलेक्टर श्री एल्मा ह ये साल खनिज न्यास निधि ले 4 नवा मोटर बाईक एम्बुलेंस स्वास्थ्य विभाग ल देहे हें। जेखर से अंदरूनी क्षेत्र के मरीज मन ल स्वास्थ्य केन्द्र तक लाए-ले-जाए म सुविधा होही।

जानबा हे के विशेष पिछड़े जनजाति माड़िया बाहुल्य ओरछा विकासखण्ड के सुदूर अऊ दुर्गम वनांचल म रहइया लइका मन अउ गर्भवती महिला मन बर बाईक एम्बुलेंस वरदान साबित होवत हे। प्रसव पीड़ा गर्भवती महिला मन बर कठिन समय होथे अऊ ये ऊंखर जीवन-मरण के काल बन सके हे। अंदरूनी ईलाका के अइसन गांव जिहां बड़े एम्बुलेंस नइ पहुंच पाए या सड़क मार्ग नइ हे उहां के महिला मन ल प्रसव काल म मुसीबत ले उबारा जा सकय, एखर बर जिला म बाइक एम्बुलेंस के सहारा लेहे जात हे। ये प्रसवकाल म महिला मन बर वरदान ले कम नइ हे।

बाईक एम्बुलेंस के सेवा के बारे म मितानिन मन बताथें के बाइक एंबुलेंस के सेवा मिले ले वनांचल गांव मन म सदियों ले चले आत झाड़-फूक के सामाजिक कुरीति ल तोड़े अऊ अंध विश्वास ल दूर करे म घलव मदद मिलत हे। मितानिन मन के कहना हे कि वनांचल गांव मन म पहिली जब मोटर बाईक एम्बुलेंस संचालित नइ रहिस तब प्रसव घर म ही गांव के स्थानीय महिला मन के सहयोग ले करे जात रहिस, जेखर से माता अउ लइका के जान ल खतरा होवय। बाईक एम्बुलेंस के आए ले ये समस्या अब दूर हो गए हे अऊ संस्थागत प्रसव म बढ़ोतरी होए हे। एखरे संग मौसमी बीमारियां जइसे चिकनपॉक्स (माता), मलेरिया, डायरिया, उल्टी-दस्त अऊ आन बीमारी मन के संगेच सांप-बिच्छी के चाबे म, तब इहां के मनखे पहिली स्थानीय बैगा-गुनिया, सिरहा तीर जाके अपन ईलाज करात रहिन। उंखर कहना हे, कि अब बाईक एम्बुलेंस के सेवा ए क्षेत्र मन म मिले ले वनांचल गांव मन म जागृति आए हे। बाईक एम्बुलेंस के सेवा मिले ले झाड़-फूक जइसे अंधविश्वास ल दूर करे अऊ गांव-घर म ही प्रसव करे जइसे सामाजिक कुरीति मन ल दूर करे म मदद मिलत हे।

हम आप ल बता देवन कि बाईक एम्बुलेंस के सेवा मिले ले अब तक 234 मरीज मन ल ये सुविधा के सीधा लाभ मिले हे। बाईक एम्बुलेंस के माध्यम ले वनांचल क्षेत्र के गर्भवती महिला मन ल संस्थागत प्रसव बर स्वास्थ्य केन्द्र तक लाए जात हे अऊ शिशुवती माता मन ल प्रसव के बाद सुरक्षित घर पहुंचाए घलोक जात हे। एखर संगेच गर्भवती माता मन ल नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, लइका मन के टीकाकरण अउ मौसमी बीमारी मन के उपचार बर घलोक बाईक एम्बुलेंस के उपयोग करे जात हे। बाईक एम्बुलेंस के आए ले शिशु अउ मातृ मृत्युदर म घलोक कमी आए हे।

लउछरहा..