धमतरी, 27 अगस्त 2021। छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के फ्लैगशिप अऊ महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के सही क्रियान्वयन बड़का रूप म अब गांव मन के गौठान मन म दिखे जगे हे। ये योजना के क्रियान्वयन ह न सिरिफ मवेशी मन के समुचित ढंग ले संरक्षण अऊ संवर्द्धन करे हे संगें-संग गौठान मन म कई ठन आर्थिक गतिविधि मन के संचालन ले रोजगार के दिशा म पुख्ता इंतजाम करे हे। अइसनहेच एक गौठान धमतरी के कुरूद विकासखण्ड के ग्राम पचपेड़ी म विकसित होए हे जिहां के महिला मन समूह ले जुड़ के आजीविकामूलक काम मन ल सुग्घर ढंग ले अंजाम देवत हें। ए महिला मन सामुदायिेक बाड़ी म कई प्रकार के जैविक साग-भाजी उपजा के पाछू करीबन चार महीना म 60 हजार रूपिया ले घलोक जादा के लाभ कमाए हें।
धमतरी जिला मुख्यालय ले 25 किलोमीटर दूर ग्राम पचपेड़ी म नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी परियोजना के तहत आठ एकड़ क्षेत्र के परती जमीन म 5.60 लाख रूपिया के लागत ले चारागाह बनाए गए हे, जेमा सामुदायिक बाड़ी विकसित करे के जिम्मा ग्राम के ओम कर्मा महिला स्वसहायता समूह के महिला मन ल सौंपे गए हे। ये चारागाह के निर्माण जून 2021 म मनरेगा योजना के तहत् करे गए हे। ओम कर्मा स्वसहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी साहू के बताती महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी अधिनियम (मनरेगा) के तहत चारागाह म मल्टी युटिलिटी काम के तहत सामुदायिक बाड़ी म कई प्रकार के साग-भाजी के फसल लेहे जात हे, जेमे दू एकड़ रकबा म भांटा, 60 डिसमिल क्षेत्र म करेला, 60 डिसमिल म बरबट्टी, 60 डिसमिल म मुरई, 40 डिसमिल म चुरचुटिया, 40 डिसमिल म गलका, 40 डिसमिल म मूंगफली, 20 डिसमिल म जिमीकंद अऊ 20 डिसमिल म हरदी लगसए गए हे।
ये क्षेत्र म कृषि विभाग के ‘आत्मा‘ योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करके ओ मन ल अंतरवर्तीय फसल मन के प्रोत्साहन बर 10 हजार रूपिया के राशि प्रदान करे गए हे, जेखर तहत एक क्विंटल जिमीकंद, एक क्विंटल हरदी, 15 कि.ग्रा. मूंगफली, चार कि.ग्रा. उरिदद, चार कि.ग्रा. मूंग, 4 कि.ग्रा. रागी अऊ 4 कि.ग्रा. राहेर संग अमारी भाजी के पैदावार लहे गए हे। समूह के अध्यक्ष ह बताइस के सिरिफ चार महिना म 60 हजार रूपिया शुद्ध लाभ समूह ल मिले हे। एखर अलावा बहुआयामी गतिविधि मन ल आगू बढ़ात जिला प्रशासन कोति ले मुर्गीपालन अऊ बकरीपालन बर घलोक समूह के महिला मन ल प्रोत्साहित अऊ प्रेरित करे जात हे।
श्रीमती साहू के बताती समूह के गठन ले पहिली ज्यादातर महिला मन खेती-मजदूरी के काम करत रहिन, जेखर से दिनभर के हाड़तोड़ मेहनत के बाद मुश्किल ले 100-120 रोजेच कमा पात रहिन। अब 12 महिला मन समूह ले जुड़े के बाद पहिली ले कम मेहनत म कृषि अऊ उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन अऊ सहयोग ले साग-भाजी अऊ आन फसल मन के सुग्घर पैदावार लेवत हें। वो ह ये घलोक बताइस के इहां के जैविक विधि ले उत्पादित साग-भाजी के मांग अड़बड़ बाढ़ गए हे, ते पाए के अवइया समय म अऊ जादा लाभ मिले के सम्भावना हे।