रायपुर, गणतन्त्र दिवस म राजपथ म निकलइया राज्य मन के झांकी मन के काली नई दिल्ली के राष्ट्रीय रंगशाला म प्रेस प्रीव्यू आयोजित करे गीस। प्रेस प्रीव्यू के समय छत्तीसगढ़ के गाँव अऊ गौठान उपर आधारित झांकी ल राष्ट्रीय मीडिया के सराहना मिलीस। ये दौरान झांकी म छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार मन ह ककसाड़ नृत्य के प्रदर्शन करिन।
राजपथ म निकलइया छत्तीसगढ़ के झांकी गोधन योजना उपरा केंद्रित हे। ग्रामीण संसाधन मन के उपयोग के पारंपरिक ज्ञान अऊ वैज्ञानिक दृष्टिकोण के समन्वय ले एक संग बहुत अकन वैश्विक चिंता मन के समाधान बर ये झांकी विकल्प प्रस्तुत करथे। झांकी के आगू भाग म गाय के गोबर ल सकेल के ओ मन ल बेंचे बर गौठान मन के संग्रहण केंद्र कोति ले जात ग्रामीण महिला मन ल देखाए गए हे। ये महिला मन पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा म हें। उमन हाथ ले बने कपड़ा अऊ गहना पहिरे हें। एक महिला ल गोबर ले उत्पाद तियार करके बेंचे बर बाजार ले जात देखाए गए हे। ऊंखर चारों कोति सजे फूल मन के गमला गोठान म साग-सब्जि अऊ फूल के खेती के चिनहा ये। तरी कोति तरफ गोबर ले बने दीया के सजावट हे। ये दीया ग्रामीण महिला मन के जीवन म आए स्वावलंबन अऊ आत्मविश्वास के चिनहा ये।
झांकी के पाछू कोति गौठान मन ल रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप म विकसित होत देखाय गए हे। नवा तकनीक अऊ मशीन मन के उपयोग करके महिला मन खुद के उद्यमिता के विकास करत हें। ओ मन गांव मन म छोटे-छोटे उद्योग संचालित करत हें। बीच म देखाए गए हे कि गाय ल ग्रामीण अर्थव्यवस्था के केंद्र म रखके कइसे पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती, पोषण, रोजगार अऊ आय म बढ़ोतरी के लक्ष्य ल हासिल करे जा सकत हे। सबले आखिर म चित्रकारी करत ग्रामीण महिला पारंपरिक शिल्प अऊ कला मन के विकास के चिनहा हे। झांकी म भित्ती-चित्र शैली म विकसित होवत जल प्रबंधन प्रणालि, बाढ़त उत्पादकता अऊ खुशहाल किसान ल देखाए गए हे। इही कड़ी म गोबर ले बने जिनिस अऊ गोबर ले वर्मी कंपोस्ट तियार करत स्व सहायता समूह मन के महिला मन ल देखाए गए हे।