दंतेवाड़ा: प्राकृतिक खेती के संग सफलता के नवा कहानी लिखत हें महिला किसान

दंतेवाड़ा, 03 मार्च 2024। प्रकृति के गोद म बसे जिला दंतेवाड़ा म प्राकृतिक रूप ले खेती के प्रचलन रहे हे जिला अंतर्गत अभी हाल म किसान मन छिड़काव विधि ले खेती करथें। फेर पाछू कुछ समय ले कई क्षेत्र मन म किसान मन कुछ रासायनिक खाद के घलोक उपयोग करत हें। रासायनिक खाद के उपयोग के दुष्परिणाम के प्रभाव मन ल रोके अउ जैविक खेती ल बढ़ावा देहे बर जिला म राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, बिहान अंतर्गत पाछू चार बछर ले मिशन के महिला किसान मन ल वैज्ञानिक विधि ले खेती के गुण सिखाए जात हे इही कड़ी म जिला के समुदाय आधारित संहवनीय कृषि उप योजना ले जुड़े 03 विकासखंड दंतेवाड़ा, गीदम, कुआकोंडा म कार्यरत 80 ले जादा कृषि मित्र मन ल प्राकृतिक खेती के संबंध म कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, केवीके, अउ बिहान योजना के मास्टर प्रशिक्षक मन प्रशिक्षण देवत हें। जिला मिशन प्रबंधन इकाई के आजीविका टीम ह बताइस कि रासायनिक खाद के उपयोग ले उपजे साग के सेवन ले मानव शरीर म बहुत अकन दुष्प्रभाव परथे काबर कि जिला दंतेवाड़ा पूरा जैविक जिला बने बर आगू बढ़त हे। अब ये उदीम करे जात हे कि जिला के हरेक महिला किसान प्राकृतिक खेती ल अपनावयं एखरे संग ओ मन ल मृदा प्रबंधन उपर घलोक जानकारी देहे जात हे जेखर से किसान अपन मिटटी के उर्वरता ल अऊ बढ़ा सकत हें अऊ अपन फसल ले बने उपज लेके अपन आय म वृद्वि कर सकत हें। प्राकृतिक खेती आज बदलत बेरा के मांग हे। इही कारण हे कि प्राकृतिक खेती करइया किसान सफलता के नवा ऊंचाइ ल छू वत हे अऊ अपन आस-पास के किसान मन बर प्रेरणा स्रोत बन गए हें।

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