नक्सल प्रभावित क्षेत्र मन म अनुसूचित जनजाति वर्ग के विरूद्ध दर्ज प्रकरण मन के वापसी शुरू

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कोति ले राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्र मन के विशेषकर बस्तर अंचल के अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासी मन अऊ गांव वाले मन के उत्पीड़न म गहिर चिंता व्यक्त करत इंकर विरूद्ध पुलिस कोति ले दर्ज प्रकरण मन के समीक्षा करे के निर्णय ले गए रहिस। अब ए प्रकरण मन के वापसी शुरू हो गए हे।

राज्य शासन कोति ले मुख्यमंत्री के भावना के मुताबिक 8 मार्च 2019 के माननीय सर्वोच्‍च न्यायालय के न्यायमूर्ति श्री ए.के.पटनायक (सेवानिवृत्त) के अध्यक्षता म सात सदस्यीय समीक्षा समिति के गठन करे गए रहिस। समिति के अनुशंसा के आधार म छत्तीसगढ़ शासन विधि अऊ विधायी कार्य विभाग कोति ले नक्सल प्रभावित क्षेत्र मन म अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासी मन के विरूद्ध दर्ज प्रकरण मन के समीक्षा के बाद अभियोजन वापस लेहे के निर्णय ले गए हे। विधि विभाग कोति ले ये संबंध म संबंधित आठ जिला मन के जिला दण्डाधिकारी मन ल दण्ड प्रक्रिया संहिता के धारा-321 के प्रावधान के तहत प्रकरण मन ल वापस लेहे बर तुरंते कार्रवाई करे बर पत्र भेजे गए हे।

हम आप ल बता देवन के न्यायमूर्ति श्री पटनायक के अध्यक्षता म गठित समिति के पहिली बैठक 24 अपरेल अऊ दूसर बैठक 30 अउ 31 अकटूबर म लेहे गए निर्णय के मुताबिक छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के तहत दर्ज 313 प्रकरण मन के वापसी के अनुशंसा करत प्रकरण विधि विभाग ल भेजे गए रहिस। समिति कोति ले भारतीय दण्ड विधान के आन 312 प्रकरण मन ल पुलिस महानिदेशक कोति ले गठित एक समिति ल परीक्षण बर भेजे गए हे, जऊन धारा 265ए, 265बी अऊ 321 सी.आर.पी.सी. के प्रावधान के तहत अपन रिपोट पटनायक समिति ल प्रस्तुत करही। एखर बर पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम.अवस्थी कोति ले समिति के गठन करे जा चुके हे।

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