‘हवा’ म चार्ज हो जाही आपके मोबाईल, आवत हे नवा टेक्नॉलजी

नई दिल्ली, माबाईल के दुनिया म रंग-रंग के प्रयोग होवत हे, अइसनहे प्रीमियम स्मार्टफोन्स म ए आजकाल वायरलेस चार्जिंग के ट्रेंड बाढ़त हवय। एखर से स्मार्टफोन बउरईया बर चार्जिंग बिक्‍कट सहज हो जाही। अब वायरलेस चार्जिंग के तकनीक ल अपग्रेड करे के तैयारी करे जात हे। ये नवा अपग्रेड म फोन ल बिना कोनो डिवाइस या तार ले जोड़े ‘ओवर द एयर’ चार्ज करे जा सकही। मने स्मार्टफोन ल कोनो डिवाइस या तार ले जोड़े के जरूरत नइ होही। वायरलेस चार्जिंग म घलोक फोन ल चार्जिंग पैड ले जोड़े ल परथे।

कइसे होही ओवर द एयर चार्जिंग
अभी हाल के वायरलेस चार्जिंग तकनीक के कहूं बात करन त वायरलेस चार्जिंग पैड इंडक्शन कुकटॉप के जइसे काम करथे जेमां एक इंडक्शन कॉइल एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड क्रिएट करथे अऊ फोन के पाछू पैनल म रिसीवर एखर से एनर्जी ट्रांसफर करथे।

चार्जंग पैड के घलोक नइ होही जरूरत
चार्जिंग पैड ले वायरलेस चार्जिंग बिक्‍कट कारगर विकल्प हे येमा कई पईत यूजर्स ल चार्जिंग पैड लाए-लेजाए म समस्या होथे। ये नवा तकनीक ले चार्जिंग पैड के जरूरतेच नइ परय। अब कंपनी मन अइसन फोन केस (खोखा) बनावत हे जेखर से स्मार्टफोन चार्ज करे जा सकही।

ओवर द एयर चार्जिंग केस
केस मेकर कंपनी Spigen वायरलेस चार्जिंग टेक्नॉलजी वेंडर Ossia के संग मिलके ओवर द एयर चार्जिंग केस बनावत हे। एखर बाद फोन ल चार्ज करे बर चार्जिंग पैड, अडॉप्टर या प्लग के जरूरतेच नइ होही। ये केस रेडियो वेव ट्रांसमिट करके जऊन डिवाइस तक पहुंचके डायरेक्ट करेंट म कनवर्ट हो जाही अऊ फोन के बैटरी चार्ज हो जाही।

3 फीट दूरिहा ले चार्ज हो जाही फोन
ये केस ले 3 फीट दूरिहा ले ही स्मार्टफोन ल चार्ज करे जा सकही। ये केस कम मात्रा म पावर भेजही जेखर से फोन 30 ले 60 मिनट म चार्ज हो जाही। ये तकनीक सिरिफ ओही फोन म काम करही जेमां RF आधारित रिसीवर मौजूद होही। साल 2020 तक ये तकनीक मार्केट म आए के भरोसा करे जात हे।

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