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छत्तीसगढ़ म बनिस धान खरीदी के नवा रिकॉर्ड

रायपुर, 20 फरवरी 2020। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद प्रदेश म ये साल सबले जादा धान खरीदी के रिकॉर्ड बने हे। खरीफ विपणन साल 2019-20 म समर्थन मूल्य म खरीदी के आखरी दिन आज संझा तक करीबन 83 लाख मीट्रिक टन धान के खरीदी होए हे अऊ देर रात तक धान खरीदी चले के संभावना हे। राज्य म पाछू साल के तुलना म ये साल करीबन दू लाख 50 हजार ले जादा किसान मन ह धान बेचे गए हे। राज्य म धान खरीदी बर 85 लाख मीट्रिक टन के अनुमान लगाए गए हे। प्रदेश म पाछू साल समर्थन मूल्य म करीबन 80 लाख मीट्रिक टन धान खरीदे गए रहिस।

प्रदेश म ये साल खरीदे गए धान के 14 हजार 500 करोड़ रूपिया ले जादा के भुगतान किसान मन ल सीधा ऊंखर बैंक खाता म करे जा चुके हे। प्रदेश के समिति मन म किसान मन ल चौथा टोकन घलोक जारी करे गए रहिस अऊ चौथा टोकन म 3.5 लाख मीट्रिक टन धान के खरीदी करे गए हे। पाछू साल 2018-19 म कुल 15 लाख 71 हजार किसान मन ह धान बेचे रहिन, जबकि ये साल अब तक 18 लाख 45 हजार किसान मन ले धान खरीदी करे गए हे।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व म राज्य सरकार कोति ले प्रदेश के किसान मन ले 2500 रूपिया प्रति क्विंटल के हिसाब ले एक दिसम्बर 2019 ले 15 फरवरी 2020 तक धान खरीदे के निर्णय ले गए रहिस। प्रदेश म ये साल जादा किसान मन कोति ले पंजीयन कराए के फलस्वरूप धान बेचे के अवधि ल 5 दिन अऊ बढ़ाके 20 फरवरी करे गीस। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल खुद खरीदी केन्द्र मन म पहुंचके किसान मन ले चर्चा करिन अऊ धान खरीदी केन्द्र मन के व्यवस्था के जायजा लीन। उमन धान खरीदी म किसान मन ल कोनो परेशानी नइ होए के घलोक बात कहे रहिन। मुख्यमंत्री ह धान उपार्जन केन्द्र मन म किसान मन ल मूलभूत जरूरत जइसे पीए के साफ पानी, स्वच्छता परिसर अऊ किसान मन के बइठे बर व्यवस्था करे के घलोक हुकुम देहे रहिन। मुख्यमंत्री के निर्देश म किसान मन के सुविधा बर राज्य स्तरीय हेल्प लाईन नम्बर शुरू करे गीस, जेमां पुलिस विभाग के हेल्प लाईन नम्बर 112 म घलोक किसान मन ल मदद करे गीस। मुख्यमंत्री श्री बघेल कोति ले भारत सरकार कोति ले निरधारित समर्थन मूल्य म धान खरीदे के अनिवार्यता के कारण अंतर के राशि किसान मन ल देहे बर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे के अध्यक्षता म मंत्रीमंडलीय उप समिति गठित करे गए हे। समिति कोति ले आन राज्य मन म किसान मन ल देहे जात बोनस के अध्ययन कर अपन रिपोट सरकार ल सौंपे जाही।

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