निकिता बनिस अपराजिता पूरा करिस नाम के सार्थकता

एक अलग नाम के चाह नइ हे इही ल महान बनाहूं, नारी अंव ये युग के नारी के अलग पहिचान बनाहूं

दंतेवाड़ा, 29 अप्रैल 2020। दंतेवाड़ा के दुर्गम, घना जंगल के बीच छोटे से गांव चितालूर के निकिता मरकाम 12 वीं तक पढ़े हे। वो ह अपन पति अऊ दू लइका मन के संग रहिथे। वो ह अपन नाम निकिता ल सार्थक करत नवा दिशा स्वसहायता समूह बना के कई कीर्तिमान रचत हे। समूह बनाए के पहिली निकिता अऊ ओखर पति रोजगार के तलाश म दर बदर ठोकर खात फिरत रहिन, फेर कहूं काम नइ मिलत रहिस। ऊपर ले परिवार के आर्थिक स्थिति दिनों दिन बिगड़त जात रहिस। अइसन म निकिता ल स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के बारे म जानकारी मिलीस जेखर से वोला एक महिला स्व सहायता समूह के बनाए के प्रेरणा मिलीस। समूह बनाए बर निकिता ह अपन आसपास के महिला मन के बैठक बला के समूह के निर्माण म सहयोग बर प्रार्थना करिन अऊ ओ मन ल ये योजना ले होवइया फायदा मन के बारे म समझाइस।

निकिता के समझाए म महिला मन ह मिलके 2 मार्च 2010 के नवा दिशा नाम के स्‍व सहायता समूह के स्थापना करिन। बाद म 2015 म राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ले ये स्व सहायता समूह कई नवा आजीविका के नवा योजना मन के लाभ बर जुड़ गे। निकिता के बिहान योजना म जुड़े के बाद इमन ल बताए गीस के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत इमन ल पांच सुत्र के पालन करना होही जेखर बाद बैंक ले 6 महिना के भीतर करजा मिलही अऊ एखर माध्यम ले समूह के सदस्य मन अपन अलग व्यापार बर समूह ले करजा ले के स्वतंत्र व्यापार के स्थापना कर पाहीं, इमन आन महिला मन ल समूह ले जुड़े बर आमंत्रित करिन अऊ ये काम सफल घलोक होइस। करीबन एक साल के बाद अचार, बड़ी, पापड़ निर्माण बर आरसेटी ले प्रशिक्षण लेहे के बाद इमन ल बैंक लिंकेज के राशि ले एक लाख के ऋण मिल गे। इमन ये राशि म ले 50 हजार रूपिया के अचार तियार करके स्कूल म बेचिन। इमन ईंटा बनाए बर एक लाख रूपिया के ऋण लीन। इकंर व्यापार बने सहिन चल परिस। ये परियोजना के अंतर्गत आज समूह तीर कड़कनाथ कुक्कुट पालन, ईंट निर्माण इकाई, मिनी राईस मिल के स्थापना, सेनेटरी पेडस निर्माण इकाई, जइसे कई काम चालू करिन जेखर से समूह ल बनेच फायदा पहॅुचिस अऊ एमन जादा अनुशासित होके काम करे लगिन। अभी हाल म निकीता के अपन घरे म खुद के एक वेल्डिंग दुकान अऊ एक किराना दुकान घलोक हे अऊ कोरोना महामारी म घलोक इमन 1500 मास्क के निर्माण करके विक्रय करे हें जेखर से इनला करीबन 15 हजार रूपिया के लाभ मिले हे।

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