- एड्स रोगी मन के प्रति संवेदनशीलता के दीन संदेश
- सरकारी अस्पताल मन म मुफ़्त हे एच आई वी के इलाज
दुर्ग, समाज म एड्स के रोगी मन के प्रति होवइया भेदभाव ल रोके अऊ जागरूकता पैदा करे के उद्देश्य ले शासकीय नर्सिंग कॉलेज के छात्रा मन ह जिला अस्पताल के ओपीडी वार्ड म नुक्कड़ नाटक के प्रदर्शन करिन। छात्रा मन ह मनखे मन ल संदेश दीन के ये रोग छूए ले नइ फैलय ए खातिर “हाथ बढ़ावव अऊ एचआईवी एड्स ले ग्रसित मनखे मन के प्रति समाज म होवइया मतभेद ल जड़ ले मिटाव।” नुक्कड़ नाटक के माध्यम ले एचआईवी ले बचाव के बारे म जानकारी घलोक साझा करे गीस। नुक्कड़ नाटक के माध्यम ले मनखे मन ल एचआईवी अऊ एड्स के अंतर समझाए गीस। छात्रा मन ह बताइन के एचआईवी के मतलब ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस कोति ले उत्पन्न संक्रमण होथे जऊन शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता ल कम करे लागथे। वायरस शरीर के रक्षा करइया कोशिका मन ल नष्ट कर देथे। कहूं सही समय म एचआईवी के इलाज नइ करे गीस त एड्स मने एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशियेंसी सिंड्रोम होए के संभावना बाढ़ जाथे।
हम आप ल बता देवन के विश्व एड्स जागरूकता हफ्ता के समय स्वास्थ्य विभाग कोति ले मनखे मन ल जागरूक करे बर विशेष उदीम करे जात हे। स्वास्थ्य विभाग कोति ले अपील करे गए हे कि कहूं कोनो मनखे ल लंबा समय तक बहुत थकान, बार-बार बुखार, वजन म कमी, जोड़ मन म दरद, मांसपेसी मन म खिंचाव जइसे लक्षण दिखाई देवत हे त एक पइत एचआईवी के जांच करवा लेना चाही। सरकारी अस्पताल मन म एचआईवी के जांच अऊ इलाज मुफ्त म उपलब्ध हे। संगेच रोगी मन के जानकारी पूरा गुप्त रखे जाथे। कहूं सही समय म एचआईवी के जांच हो गए त दवाइ मन के माध्यम ले स्वस्थ जीवन जिए जा सकत हे। एचआईवी संक्रमित मनखे ल नियमित रूप ले ए आर टी मने एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी लेना होथे। जेखर से संक्रमण के प्रभाव ल कम करे जा सकत हे। जादा जानकारी बर टोल फ्री नंबर 1097 म संपर्क करे जा सकत हे।
छात्रा मन कोति ले ये नुक्कड़ नाटक नर्सिंग कॉलेज के प्रिंसिपल श्रीमती रमा राजेश के मार्गदर्शन म प्रस्तुत करे गीस जेमां प्राध्यापक श्रीमती कल्पना भूषण जोशी, श्रीमती गीतांजलि मानिक, श्रीमती स्मृति नंद अऊ श्रीमती प्रीतिका बारंगे के प्रमुख भूमिका रहिस।